पहले चरण की 16 जिलों की 71 सीटों पर 28 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। पहले चरण की सीटों के लिए नामांकन 1 से 8 अक्टूबर तक होंगे। इस चरण की 13 सीटें आरक्षित हैं। 12 अक्टूबर को नाम वापस लेने की अंतिम तारीख है।
इन मंत्रियों की छवि दांव पर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए सरकार के 7 मंत्रियों की किस्मत का भी फैसला होगा। इनमें 4 जेडीयू और 3 बीजेपी कोटे के मंत्री हैं। जेडीयू कोटे से मंत्रियों में जमालपुर से जीते शैलेश कुमार, घोसी से जीते कृष्णनंदन वर्मा, राजपुर से जीते संतोष कुमार निराला और दिनारा से जीते जय कुमार सिंह शामिल हैं। बीजेपी कोटे वाले मंत्रियों में बांका से राम नारायण मंडल, चैनपुर से बृज किशोर बिंद और गया से प्रेम कुमार शामिल हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सहित 200 के खिलाफ मुकदमा दर्ज, राहुल गांधी ने कहा – मैं किसी से नहीं डरूंगा 71 में से 25 सीटों पर आरजेडी के विधायक बिहार चुनाव के पहले चरण में जिन 16 जिलों की 71 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है उसे आरजेडी का दुर्ग माना जाता है। 2015 में लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार की जोड़ी इस क्षेत्र में एनडीए का सफाया कर दिया। 71 में से 25 सीटों पर आरजेडी का कब्जा है। 21 सीटें जेडीयू और 14 सीटें बीजेपी को मिली थीं। इसके अलावा कांग्रेस ने 8, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा को एक, सीपीआई को एक, एलजेपी को एक और एक सीट पर निर्दलीय को जीत मिली थी।
जब Lal Bahadur Shastri के कहने पर पूरा देश रखने लगा सप्ताह में एक दिन का उपवास, जानें क्यों एनडीए का पलड़ा भारी लेकिन इस बार समीकरण बदले हुए हैं। नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए की अगुवाई कर रहे हैं। इस लिहाज से देखें तो पहले चरण की आधी सीटों पर जेडीयू-बीजेपी-HAM का कब्जा है। इन तीनों दलों के पास 36 सीटें हैं। कांग्रेस और आरजेडी का 33 सीटों पर कब्जा है।
यादव एमएलए सबसे ज्यादा बता दें कि पहले फेज की 71 में से 22 सीटों पर यादव समुदाय के विधायकों बोलवाला है। राजपूत, भूमिहार और कुशवाहा समुदाय के 7-7 विधायक जीते थे। तीन सीटों पर कुर्मी समुदाय के विधायक का कब्जा है जबकि 13 सुरक्षित सीटों पर एससी-एसटी समुदाय के विधायक जीते थे।