54 मृत कार्यकर्ताओं के परिजनों को निमंत्रण भारतीय जनता पार्टी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में इस बार पश्चिम बंगाल से खास मेहमानों को बुलाने जा रही है। 16 जून 2013 के बाद बीजेपी के जिन 54 कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है, उनके परिजनों को इस समारोह में शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया है। सभी कार्यकर्ताओं को दिल्ली में ही ठहराया गया है। बीजेपी का मानना है कि इन कार्यकर्ताओं ने बंगाल में पार्टी के लिए अपनी जान दे दी है। बीजेपी के नेताओं का मानना है कि यह उनके लिए असली श्रद्धांजलि होगी।
निमंत्रण पर भड़कीं ममता बीजेपी के इस निमंत्रण पर राजनीति भी जमकर हो रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने साफ कहा कि वो अब नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि मेरी योजना ‘संवैधानिक निमंत्रण’ को स्वीकार करने और शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की थी। लेकिन पिछले एक साल से मैं देख रही हूं कि भाजपा दावा कर रही है कि बंगाल में राजनीतिक हिंसा में पार्टी के 54 लोगों की हत्या हुई है। यह पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि बंगाल में कोई राजनीतिक हत्या नहीं हुई है। ये मौतें निजी शत्रुता, पारिवारिक झगड़ों और अन्य विवादों के चलते हुई होंगी। इनका राजनीति से कोई संबंध नहीं है। हमारे पास ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है। ममता बनर्जी ने अंत में कहा कि यह समारोह लोकतंत्र का जश्न बनाने का एक विशेष अवसर है। यह कोई ऐसा अवसर नहीं है जिसका किसी राजनीतिक दल को महत्व घटाना चाहिए, जो इसका इस्तेमाल अपने राजनीतिक हित साधने के अवसर के तौर पर करे। कृपया मुझे माफ करिए, मैं इस समारोह का हिस्सा नहीं बन सकती। हालांकि, इस पर बीजेपी ने भी पलटवार किया । पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इस समारोह में शामिल होने के लिए ममता बनर्जी बहाना ढूंढ रही हैं। हमारा अधिकार था उन्हें बुलाने का, वो आएं या न आएं उनकी मर्जी?
क्यों बना बंगाल खास? इस लोकसभा चुनाव में बंगाल बेहद ही खास बना रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह तक ने बंगाल में पूरी ताकत लगा दी थी। ममता के गढ़ में सेंध लगाने के लिए बीजेपी के दोनों दिग्गजों ने जमकर सभाएं और रैलियां की। हर चरण में वहां खून-खराबा हुआ। लेकिन, जब परिणाम आया तो सब चौंक गए। बीजेपी ने बंगाल में उम्मीद से ज्यादा 18 सीटों पर जीत दर्ज की। जबकि, तृणमूल कांग्रेस ने 22 सीटों पर जीत दर्ज की है। जिस किला को बीजेपी फतह करना चाहती थी, उस मकसद में पार्टी कामयाब हो गई। लिहाजा, माना जा रहा है कि चुनाव से लेकर शपथग्रहण समारोह तक बंगाल ही बंगाल छाया रहा।