उसके बाद उन्हें अपना इस्तीफा पत्र सौंप दिया। बता दें कि बीजेपी में अनदेखी के बाद बाबुल सुप्रियो ने पहले दो राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया। इसके कुछ दिन बाद ही उन्होंने टीएमसी का दामन थाम लिया। हाल में दुर्गा पूजा के दौरान वह ममता बनर्जी के साथ गाना गाते दिखाई दिए थे।
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West Bengal: दिनाजपुर में BJP नेता की गोली मारकर हत्या, टीएमसी पर लगा आरोप बाबुल सुप्रियो ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के ठीक बाद बाबुल सुप्रियो ने स्पष्ट कर दिया था कि वह सांसद पद पर नहीं रहेंगे, क्योंकि यह अनैतिक होगा।
हालांकि बीजेपी के कई नेता लगातार उनके इस पद पर बने रहने को लेकर निशाना साध रहे थे। नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने भी ने इस मामले को लेकर अदालत तक जाने की बात कही थी।
इस्तीफा देने के बोले बाबुल, आसानसोल से विशेष लगाव
इस्तीफा देने के बाद बाबुल सुप्रियो ने कहा कि आसनसोल के प्रति उनका विशेष लगाव है और आसनसोल को लेकर विशेष दायित्व है। उन्होंने कहा कि शुभेंदु अधिकारी उनके खिलाफ कई बातें कही हैं। उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। अब उम्मीद कर रहे हैं कि उनके पिता भी इस्तीफा देंगे।
बता दें कि चुनाव के पहले शुभेंदु अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी पीएम मोदी के साथ मंच पर आए थे। रामदवे की वजह से राजनीति में रखा कदम
बाबुल सुप्रियो ने कहा कि वह बाबा रामदेव के कारण ही राजनीति में आए थे। वह हरिद्वार जाकर बाबा रामदेव से मुलाकात करेंगे।
बता दें कि बाबुल सुप्रियो दो बार 2014 में और 2019 में आसनसोल संसदीय क्षेत्र से जीते थे। वह नरेंद्र मोदी मंत्रालय में केंद्रीय राज्यमंत्री भी बने, लेकिन चीजें दूसरी तरफ जाने लगीं और उन्हें कैबिनेट फेरबदल के बाद हटा दिया गया था।
इसके बाद से वह बीजेपी से नाराज चल रहे थे। पहले उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया था, लेकिन अचानक ही वह टीएमसी में शामिल हो गए थे। बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद बाबुलने कहा था कि जिस पार्टी से दिल नहीं लग रहा था। वहां रह कर क्या करते। सीएम ने मन लगाकर काम करने के लिए कहा है। वह बंगाल के लिए काम करेंगे।
यह भी पढ़ेँः विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार बंगाल जाएंगे RSS प्रमुख मोहन भागवत, विशिष्ट लोगों से करेंगे मुलाकात एक महीने बाद दिया इस्तीफाबता दें कि बाबुल सुप्रियो ने 18 सितंबर को तृणमूल कांग्रेस जॉइन कर ली थी। लेकिन बीजेपी सांसद पद से इस्तीफा देने में उन्हें करीब एक महीने का वक्त लग गया। इसके पीछे उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष की ओर से समय ना मिलने को वजह बताया था। दरअसल इससे पहले भी बाबुल सुप्रियो इस्तीफा देने के लिए दिल्ली गए थे, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उन्हें समय नहीं मिल पाया था।