एक राष्ट्र, एक चुनाव के समर्थन में उतरी भाजपा, विधि आयोग को लिखा पत्र
भार्गव के अनुसार वाजपेयी हर सभा को संबोधित करने से पहले मिश्री खाना नहीं भूलते थे। इसके साथ ही वह सभा में जाते समय रास्ते में खड़े लोगों से रुक-रुककर जरूर मिलते थे। पूर्व पीएम वाजपेयी की एक खासियत यह भी थी कि वह वीआईपी होने के बाद भी हमेशा लाइन में खड़े होकर अपना वोट डालते थे। हालांकि उनकी इस बात पर उनके सुरक्षाकर्मियों को खासा एतराज होता था, बावजूद इसके वह सारी बातों को दरकिनार कर जाते थे। इस दौरान वह लाइन में लगे अन्य लोगों से उनके सुख-दुख के बारे में पूछते थे। उनकी विनम्रता की इससे बड़ी मिसान और क्या हो सकती है कि जब वह पहली बार नामांकन करने आए थे तो अपने ड्राइवर भार्गव के घर पर ही रुके थे।
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आपको बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी का इलाज एम्स में चल रहा था। वह लंबे समय से गुर्दों की बीमारी से पीड़िता थे। पिछले एक माह के भीतर उनकी कई बार हालत नाजुक हुई थी और उनको जीवन रक्षण प्रणाली पर रखा गया था। जिसके चलते गुरुवार को उनका निधन हो गया।