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मुस्लिम नेता और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने लोक सभा के सचिव को एक खत लिखा है। अपने इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड को जोड़ने से कई नुकसान हैं, जिसमें नागरिकों की सुरक्षा और निजता को खतरा है। ओवैसी ने खत में ये दावा किया है कि इससे सरकारों को जनता को दबाने, मताधिकार से वंचित करने और भेदभाव करने के अधिकार मिल जाएंगे।
यही नहीं असदुद्दीन ओवैसी ने अपने इस खत में यह भी दावा किया गया है कि इससे सीक्रेट बैलेट, फ्री और फेयर इलेक्शन में बाधा पैदा होगी। यानि नए बिल के जरिए ओवैसी ने चुनाव प्रक्रिया में भी निष्पक्षता को लेकर सवाल खड़ा किया है। बता दें कि पहले ही राजनीतिक दल चुनाव प्रक्रिया के दौरान ईवीएम को लेकर कई बार गड़बड़ी की शिकायत कर चुके हैं।
नया इलेक्शन लॉ New Election Laws (Amendment), Bill 2021 के मुताबिक, इसमें वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने की तैयारी की जा रही है। इसके पीछे सरकार की तरफ से जो वजह बताई गई है उसके मुताबिक, इससे दो वोटर आईडी कार्ड रखने जैसे फर्जीवाड़े नहीं हो सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ
ओवैसी ने इस बिल को शीर्ष अदालत के आदेश के खिलाफ बताया है। उन्होंने लिखा कि यह बिल सुप्रीम कोर्ट के फैसले (पुत्तस्वामी बनाम भारत संघ) का उल्लंघन करता है। ओवैसी ने खत में लिखा कि, ऐसा करना निजता के मौलिक अधिकार को जिस तरह सुप्रीम कोर्ट ने परिभाषित किया है, उसका उल्लंघन है।