केजरीवाल का अनोखा प्रशंसक, पंख में तस्वीरें लगाकर कुछ यूं किया डांस
अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में बड़ी संख्या में अतिथि और समर्थक पहुंचे। लेकिन कुछ ऐसे चेहरे भी हैं जो इस शपथ ग्रहण में मौजूद नहीं थे। हालांकि ये लोग केजरीवाल के संघर्ष के साथी रहे हैं। तो आइए जानते हैं ये पांच लोग कौन हैं जो कभी केजरीवल के दोस्त थे लेकिन आज वे नदारद हैं-
आशुतोष
पत्रकार से नेता बने आशुतोष कभी आम आदमी पार्टी से जुड़े थे। वे पार्टी के प्रमुख लोगों में से एक थे। उन्होंने 2014 में आप की ओर से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन वह हार गए थे। लेकिन तब भी वह आप के साथ हर मोड़ पर खड़े रहे। वह पार्टी का ऐसा चेहरा थे जो केजरीवाल के साथ हर समय था। लेकिन अगस्त 2018 में वे पार्टी से अलग हो गए।अन्ना आंदोलन से निकल कर आए नेता और राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव भी कभी आम आदमी पार्टी का बड़ा चेहरा थे। दिल्ली में आप की सरकार बनाने में उनकी भूमिका काफी अहम रही थी। वे पार्टी के मुख्य रणनीतिकार थे। उनकी ही सलाह पर 2013 में केजरीवाल ने 49 दिन बाद कांग्रेस का समर्थन लौटाकर सरकार गिरा दी थी।
वहीं योगेंद्र यादव की सलाह पर 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने देशभर में चुनाव ल़ड़ा था। लेकिन इस फैसले से पार्टी को नुकसान पहुंचा था। जिसके बाद केजरीवाल और योगेंद्र यादव के बीच दूरियां आ गई थीं। दोनों के बीच लगातार टकराव की ख़बरें सामने आने लगी, जिसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
शांति भूषण
वरिष्ठ वकील शांति भूषण को आम आदमी पार्टी (AAP) की स्थापना का थिंकटैंक कहा जाता है। लेकिन साल 2015 में दिल्ली में आप की सरकार बनने के बाद उनका अरविंद केजरीवाल से कई मुद्दों पर लगतार तकरार होता रहा। जिसके बाद वे भी पार्टी से अलग हो गए।प्रशांत भूषण वकील शांति भूषण के बेटे हैं। वे एक समय अरविंद केजरीवाल के खास दोस्त थे। उन्होंने केजरीवाल से जुड़े कई केसों की पैरवी की है। 2015 में दिल्ली में केजरीवाल की सरकार बनने के बाद इन्होंने लोकपाल के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरना शुरू कर दिया था। जिसके बाद दोनों के बीच टकराब बढ़ता गया और आखिर में उन्होंने पार्टी छोड़ दी।