पढ़ें- कांग्रेस संसदीय दल की नेता चुनी गईं सोनिया गांधी, 12 करोड़ वोटर्स को बोला शुक्रिया केजरीवाल का मास्टरस्ट्रोक एक मीडिया हाउस के मुताबिक, अगर सबकुछ सामान्य रहा तो अगले छह महीने में दिल्ली सरकार यह योजना लागू कर देगी। इसके लिए सरकार ने DMRC से जल्द से जल्द प्रस्ताव लाने को कहा है। AAP सरकार ने डीएमआरसी से पूछा है कि वह इस योजना को कैसे लागू करेगा? मुफ्त पास की व्यवस्था होगी या कोई अन्य विकल्प होगा? कयास लगाए जा रहे हैं कि इस योजना से दिल्ली सरकार पर अतिरिक्त 12 सौ करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार इस योजना को बसों और मेट्रो में एक साथ लागू करना चाहती है। डीटीसी और क्लस्टर स्कीम की बसों में इसे लागू करने में सरकार के सामने कोई अड़चन नहीं है, लेकिन दिल्ली मेट्रो में इसे लागू करना थोड़ा कठिन माना जा रहा है। जानकारी के अनुसार परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस बाबत मेट्रो के अधिकारियों से बैठक भी की है।
पढ़ें- अमित शाह आज संभालेंगे गृहमंत्री का कामकाज, राजनाथ सिंह ने पहले शहीदों को किया नमन ‘दिल्ली सरकार उठाएगी खर्च’ कैलाश गहलोत ने मेट्रो के अधिकारियों से कहा है कि यह योजना हर हाल में हमें लागू करनी है। मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त यात्र पर आने वाले खर्च को दिल्ली सरकार उठाएगी। इसके लिए वह डीएमआरसी को भुगतान करेगी। बसों व मेट्रो में कुल यात्रियों में 33 फीसद महिलाएं होती हैं। इस हिसाब से जो अनुमान लगाया गया है उसके अनुसार, प्रति वर्ष करीब 200 करोड़ रुपये का खर्च बसों को लेकर सरकार पर आएगा। अब देखना यह है कि इस योजना को लागू करने से केजरीवाल सरकार को कितना फायदा होता है? गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को दिल्ली की सातो सीटों पर शिकस्त मिली है। पार्टी ने पंजाब में केवल एक सीट पर जीत हासिल की है।