दिल्ली हिंसा में शहीद हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की मौत की असल वजह आई सामने, ऑटोप्सी रिपोर्ट में हुआ खुलासा दिल्ली विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली के लोग हिंसा नहीं चाहते। यह सबकुछ आम आदमी द्वारा नहीं किया गया है। इसके पीछे कुछ असामाजिक, राजनीतिक और बाहरी तत्व शामिल हैं। दिल्ली में हिंदू और मुसलमान कभी भी लड़ना नहीं चाहते हैं।”
केजरीवाल ने आगे कहा, “हिंसा में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल इंसानियत के लिए शहीद हुए, इस देश के लिए शहीद हुए। रतन लाल जी के परिवार की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार उठाएगी और शहीद रतन लाल जी के परिवार को 1 करोड़ की सम्मान राशि दी जाएगी। हम दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल जी के परिवार को यह भरोसा दिलाना चाहते हैं कि हम उनका ख्याल रखेंगे। हम उन्हें 1 करोड़ रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देंगे।”
दिल्ली सीएम के मुताबिक, “इस दंगे में हर कोई मारा जा रहा है। राहुल सोलंकी की मौत हो गयी वो हिन्दू था, ज़ाकिर की मौत हो गयी वो मुसलमान था। कुछ असामाजिक तत्व अपने निजी फायदे के लिए जनता को भड़का रहे हैं। सारे धर्म के लोगों को एक साथ खड़े होने का वक़्त आ गया हैं। हम सबको एक साथ खड़े होने की ज़रूरत है। आधुनिक दिल्ली लाशों की नींव के ऊपर नहीं बन सकती। मैं फिर से गृहमंत्री से अपील करता हू कि दिल्ली में हालात को काबू करने के लिए आर्मी को बुलाया जाए।”
दिल्ली हिंसा के दौरान पत्रकारों पर हमले, कई इलाकों में पहले पूछ रहे हैं धर्म और फिर कर रहे हैं अटैक उन्होंने आगे कहा, “अब नफरत की राजनीति बर्दाशत नहीं की जाएगी, दंगों की राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब पूरी दिल्ली को एक साथ खड़े होकर कहना होगा कि अब ये भाई से भाई को लड़ाने वाली राजीनीति बर्दाश्त नहीं कि जाएगी। मैं दिल्ली के सारे लोगों को आश्वस्त करना चाहता हू कि दिल्ली सरकार की तरफ से सहायता में कोई कमी नहीं रहेगी, हम दिल्ली की शांति के लिए, दिल्ली की जनता के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे।”