राजनीति

आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं की हो गई बल्ले बल्ले

आंगनबाड़ी सेविकाओं को 9500 रुपए और सहायिकाओं को 4750 रुपए मिलेगा मानदेय। 50 से 60 वर्ष के 1 लाख 58 हजार 218 आदिवासी, दलित और महिला लाभुकों को पेंशन की राशि का हस्तांतरण किया।

Mar 07, 2024 / 01:30 am

Devkumar Singodiya

आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं की हो गई बल्ले बल्ले

झारखंड के मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि राज्य में आंगनबाड़ी सेविकाओं को अब 9500 रुपए और सहायिकाओं को 4750 रुपए हर महीने मानदेय मिलेगा।
सोरेन ने हरिवंश टाना भगत इंडोर स्टेडियम, खेलगांव रांची में आयोजित सर्वजन पेंशन योजना के अंतर्गत 50 से 60 वर्ष के लाभुकों के बीच पहली क़िस्त की राशि के हस्तांतरण और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सम्मान समारोह में बहन-बेटियों को कई सौगातें दी। उन्होंने इस अवसर पर 50 से 60 वर्ष के 1 लाख 58 हजार 218 आदिवासी, दलित और महिला लाभुकों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से पेंशन की पहली किस्त की राशि का हस्तांतरण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड को संवारने की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
जल-जंगल-जमीन के रक्षकों और झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में बलिदान देने वाले अपने पूर्वजों के सपनों का झारखंड बना रहे हैं। यहां के आदिवासियों- मूलवासियों की अस्मिता को बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। झारखंड का नवनिर्माण एक ऐसे राज्य के रूप में करेंगे, जहां सभी समुदाय और वर्ग का मान-सम्मान होगा। किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। हर किसी को उसका हक-अधिकार मिलेगा।
अबुआ आवास योजना में 20 लाख को मिलेगा मकान
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि रोटी-कपड़ा और मकान हर किसी की मूलभूत जरूरत है। ऐसे में यहां के लोगों की इन जरूरतों को पूरा करने की दिशा में सरकार लगातार काम करती आ रही है। इसी कड़ी में अबुआ आवास योजना के तहत 20 लाख गरीब, जरूरतमंद और आवास विहीन लोगों को तीन कमरों का मकान दे रहे हैं। जल -जंगल और जमीन, खेत- खलिहान और खनिज संसाधनों के मामले में झारखंड एक धनी राज्य है। लेकिन, अफसोस इस बात का है कि यहां के आदिवासी- मूलवासी अभी भी पिछड़े हैं। वे आर्थिक तंगी में रहने को मजबूर हैं।
अलग राज्य बनने के 19 वर्ष तक इन्हें आगे बढ़ाने की दिशा में कभी सार्थक प्रयास नहीं हुआ। यहां के लोग हमेशा हाशिए पर रहे। उनके दुःख-दर्द की चिंता किसी ने नहीं की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार यहां के आदिवासी-मूलवासी सहित सभी वर्ग और तबके को आगे बढ़ाने के लिए लगातार काम करती आ रही है। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
छात्राओं को बनाएंगे इंजीनियर और डॉक्टर
राज्य में वर्ष 2023-24 तक 6 लाख 96 हज़ार से ज्यादा बच्चियों को 336 करोड़ 38 लाख रुपए इस योजना के तहत दिए जा चुके हैं। बच्चियां पढ़-लिखकर इंजीनियर, डॉक्टर और अफसर बनें, इसके लिए सरकार की ओर से पूरा सहयोग किया जा रहा है। सर्वजन पेंशन योजना के अंतर्गत 50 से 60 आयु वर्ग के 1 लाख 58 हज़ार 218 नए लाभुकों को पहली किस्त हस्तांतरित। 76 हज़ार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिला तोहफा।
सेविकाओं को अब 9500 और सहायिका को 4750 रुपए प्रति माह मिलेगा मानदेय। 896 सेविका और सहायिका को उत्कृष्ट कार्य के लिए नगद राशि देकर सम्मानित किया गया। नव चयनित सेविका और सहायिका को नियुक्ति पत्र मिला।

Hindi News / Political / आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं की हो गई बल्ले बल्ले

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.