इससे पहले इस बिल पर चर्चा के दौरान केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि इस बिल का एकमात्र मकसद आतंकवाद से लड़ना है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ संसद को एकजुट होने की जरूरत है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सबूतों की कमी के कारण आतंकियों को छूट नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने विपक्ष की इस दलील को खारिज किया कि इस कानून का गलत इस्तेमाल होगा। शाह ने कहा कि UAPA बिल को लेकर विपक्ष को कैसा डर है? गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद किसी एक देश की समस्या नहीं है। आतंकवाद के खिलाफ सबको एकजुट होने की जरूरत है।
अमित शाह ने कहा कि UAPA बिल से मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कई मामलों में धर्म विशेष को आतंकवाद से जोड़ा गया है। समझौता एक्सप्रेस में गलत आरोपियों को पकड़ा गया। बम धमाका करने वालों को छोड़ा गया। आतंकवाद के खिलाफ NIA में सबसे जटिल मामले सामने आए। उन्होंने कहा कि NIA में सजा की दर सबसे ज्यादा है।
अमित शाह ने कहा कि जांच एजेंसियों को चार कदम आगे बढ़ाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आतंकी घोषित करने का एक तय प्रक्रिया है और आतंकवाद के खिलाफ कड़े कानून का समर्थन होना चाहिए।
शाह ने सदन में कहा कि 31 जुलाई 2019 तक NIA ने कुल 278 मामले कानून के अंतर्गत रजिस्टर किये। 204 मामलों में आरोप पत्र दायर किये गये और 54 मामलों में अब तक फैसला आया है। 54 में से 48 मामलों में सजा हुई है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर की सभी एजेंसियों में NIA की सजा की दर सबसे ज्यादा है।