सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करके हुए लिखा कि देश के सभी को इंतज़ार था दहाड़ का,पर ये तो निकला बिल्ली मौसी के परिवार का । अखिलेश यादव ने कहने का मतलब यह था कि बीजेपी को नेता कह रहे थे कि शेर की तरह दहाड़ेगा लेकिन वैसे चीता दहड़ाता नहीं है वह बिल्ली की तरह ही गुर्राता है ।अखिलेश यादव पीएम मोदी को सुबह ही जन्मदिन पर बधाई दी थी । इसके बाद उन्होंने बीजेपी पर तंज कसा ।
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अगले जन्म मोहे गैया ना कीजो, मोहे चीता कीजोसपा अध्यक्ष सुबह ट्विटर पर एक फोटो ट्वीट किया वह फोटो एक कार्टून टाइप का है। जिसमें लिखा है कि अगले जन्म मोहे गैया ना कीजो,मोहे चीता कीजो। इसका मतलब यह है कि इस समय देश में एक लंपी वायरस की बीमारी चल रही है। जिसकी चपेट में गाय आ रही है। देश में अभी तक करीब 50000 गायों की मृत्यु हो चुकी है। सरकार उस वायरस के बारे में कुछ नहीं सोच रही है।
बीजेपी के सभी नेता आज गाय के बारे में सोचने के बजाय चीता आने का जश्न मना रहे हैं। इसलिए हमें अगले जन्म में गाय मत बनाना, चीता बनाना। चीते के लाने से गरीबों का नहीं भरेगा पेट, रोजगार देना होगा
समाजवादी पार्टी नेता एवं पूर्व राज्यमंत्री राम आसरे विश्वकर्मा ने बीजेपी पर तंज कसते हुये कहा कि चीतों के आने से न तो गरीब का पेट भरने वाला है और न ही रोजगार के अवसर पैदा होंगे। श्री विश्वकर्मा ने पार्टी के जिला कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि देश से विलुप्त हो चुके चीते लाना अच्छी बात है मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज अपने जन्मदिन पर चीतों की बात न करके संकल्प लेना चाहिए था कि वह गरीब के लिये दो जून की रोटी और बेरोजगारों को रोजगार का इंतजाम सुनिश्चित करेंगे।
समाजवादी पार्टी नेता एवं पूर्व राज्यमंत्री राम आसरे विश्वकर्मा ने बीजेपी पर तंज कसते हुये कहा कि चीतों के आने से न तो गरीब का पेट भरने वाला है और न ही रोजगार के अवसर पैदा होंगे। श्री विश्वकर्मा ने पार्टी के जिला कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि देश से विलुप्त हो चुके चीते लाना अच्छी बात है मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज अपने जन्मदिन पर चीतों की बात न करके संकल्प लेना चाहिए था कि वह गरीब के लिये दो जून की रोटी और बेरोजगारों को रोजगार का इंतजाम सुनिश्चित करेंगे।
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राजभर अपनी पार्टी और समाज को नहीं संभाल पा रहेउन्होंने कहा कि सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर अपनी पार्टी और समाज को संभाल नहीं पा रहे है । सरकार में रहते हुए उन्होंने कभी राजभर समाज के मुद्दे पर आवाज ही नहीं उठाई। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने 2005 में मुख्यमंत्री रहते पिछड़ों के लिये काम किया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते पिछड़ों के लिये प्रस्ताव बना कर केंद्र को भेजा लेकिन भाजपा सरकार ने पिछड़ों का विरोधी होने के कारण ये प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया। जब ओमप्रकाश राजभर अपने राजभर समाज के लिये आवाज़ नहीं उठाएंगे तो इसमें किसी और दोष कैसे दे सकते है ।
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