नई दिल्ली। छत्तसीगढ़ ( Chhattisgarh ) के पूर्व मुख्यमंत्री ( Former CM ) अजीत जोगी ( Ajit Jogi ) का लंबी बीमारी के बाद रायपुर ( Raipur ) के अस्पताल में निधन हो गया। जोगी छत्सीगढ़ के पहले सीएम थे। उन्होंने शुक्रवार को 74 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। अजीत जोगी के निधन ( Ajit jogi passes away ) पर राजनीतिक ( Political ) जगत की दिग्गज हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। राजनीति में आने की अजीत जोगी की कहानी भी दिलचस्प है। दरअसल राजनीति से पहले अजीत जोगी IAS अधिकारी थे। वो मध्य प्रदेश के इंदौर और छत्तीसगढ़ के रायपुर जैसे अहम जिलों के कलेक्टर ( Collector ) भी रहे।
रात ढाई बजे आया फोन अजीत जोगी राजीव गांधी ( Rajiv Gandhi ) के संपर्क में उस दौरान आए जब वे पायलट हुआ करते थे। जब भी राजीव गांधी रायपुर आते तो अजीत जोगी उनसे मिलने पहुंच जाते थे। यही वजह है थी कि राजीव गांधी उनसे काफी प्रभावित थे।
इसके बाद जोगी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। जब छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना तो अजीत जोगी प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने। 2009 में जोगी ने लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीता। इसके बाद 2014 में भी वो महासमुंद की अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे।
अजीत जोगी ने भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके कुछ दिन रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में अध्यापन का काम किया। फिर वो 1968 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा में सफल हुए और IPS बने, दो साल बाद ही वे IAS बन गए।
जोगी राजनीति में शायद पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो आईपीएस और आईएएस दोनों के लिए चुने गए थे बताते हैं कि दो साल तक उन्होंने बतौर आईपीएस सेवा दी और फिर उसके बाद आईएएस बन गए।
कलेक्टर के तौर पर भी उनका रिकॉर्ड यादगार रहा है और वो इंदौर और रायपुर के कलेक्टर रहे हैं, उन्होंने ‘द रोल ऑफ डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर’ और ‘एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ पेरिफेरल एरियाज’ नाम से दो किताबें भी लिखी हैं।
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