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जयदेव ठाकरे ने बेटे ऐश्वर्य का पिता होने से किया इनकार

ऐश्वर्य जयदेव ठाकरे और उनकी पूर्व पत्नी स्मिता का बेटा है, जिसे बाल ठाकरे ने प्रॉपर्टी में से हिस्सा दिया है

Jul 21, 2016 / 11:04 am

अमनप्रीत कौर

Jaidev Thackeray

Jaidev Thackeray

मुंबई। शिवसेना के फाउंडर लीडर बाल ठाकरे की प्रॉपर्टी के विवाद में उनके बड़े बेटे जयदेव ने नया मोड़ ला दिया है। जयदेव ने पूर्व पत्नी स्मिता के बेटे ऐश्वर्य को अपनी संतान मानने से इनकार कर दिया है। बाल ठाकरे अपनी वसीयत में प्रॉपर्टी का कुछ हिस्सा ऐश्वर्य के नाम करके गए थे, जबकि जयदेव को कुछ नहीं दिया है। पिता की वसीयत पर सवाल उठाते हुए जयदेव ने बॉम्बे हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की है। गौरतलब है कि जयदेव की दूसरी पत्नी स्मिता के दो बेटे राहुल व ऐश्वर्य और बेटी अदिति हैं।

ऐश्वर्य नहीं है मेरा बेटा

बुधवार को इस पिटीशन पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जयदेव ने ऐश्वर्य को अपना बेटा मानने से इनकार कर दिया। वे ऐश्वर्य के मामले में कुछ खुलासा करना चाहते थे, लेकिन जज ने उन्हें रोक दिया। जस्टिस गौतम पटेल के सवाल पर जयदेव ने कहा – मैं वर्ष 2004 के बाद रात में मातोश्री की पहली मंजिल पर कभी नहीं रुका। एक बार मैंने बाल ठाकरे से पूछा था कि वहां पर कौन रहता है? तो उन्होंने कहा था कि यहां ऐश्वर्य रहता है।

जस्टिस पटेल ने पूछा कि क्या ऐश्वर्य तुम्हारा बेटा है, तो जयदेव ने कहा वह मेरा बेटा नहीं है। जयदेव ने कहा कि वे इस मुद्दे पर कुछ और बताना चाहते हैं, लेकिन जस्टिस पटेल ने उन्हें रोक दिया। इसके कुछ देर बाद मीडिया को कोर्ट से बाहर जाने को कह दिया गया और केवल मामले से जुड़े पक्षकारों की मौजूदगी में ही सुनवाई हुई।

राजनीतिक वारिस बनाना चाहते थे ठाकरे


जयदेव ने कोर्ट में कहा कि बाल ठाकरे के निधन से एक महीने पहले मैं उनके कमरे में रुका था। इस दौरान उनकी तबीयत काफी खराब थी। उन्होंने दावा किया कि जब बाला साहिब ने वसीयत बनाई तो उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। ठाकरे मुझे अपना राजनीतिक वारिस बनाना चाहते थे, लेकिन मेरी राजनीति में आने की इच्छा नहीं थी।

यह कहती हैं बाला साहब की वसीयत

वसीयत में मोतीश्री बंगले का ग्रांउड़ फ्लोर शिवसेना के काम के लिए दिया गया है। इसकी पहली मंजिल, स्मिता ठाकरे और जयदेव ठाकरे के बेटे ऐश्वर्य को दी गई है। हालांकि वसीयत में स्मिता और जयदेव को वहां रहने की इजाजत नहीं दी गई है, लेकिन इस फ्लोर के मेंटेनेंस का खर्च स्मिता को उठाना होगा। बंगले की सबसे ऊपरी मंजिल उद्धव ठाकरे के नाम की गई है। इसके अलावा करजत और भंडारधारा की दो प्रॉपर्टी भी उद्धव के नाम की गई हैं। बाला साहब के तीन बेटे हैं उद्धव, जयदेव और बिंदुमाधव। इनमें से बिंदुमाधव का निधन हो चुका है।

बाला साहब के नाम है करोड़ों की प्रॉपर्टी

उद्धव के अनुसार बाला साहब की सारी प्रॉपर्टी और बैंक बैलेंस मिलाकर करीब 15 करोड़ रुपए की जायदाद है। वसीयत में बाला साहब ने बिंदुमाधव और जयदेव ठाकरे को कुछ नहीं दिया है। जयदेव का दावा है कि ठाकरे की प्रॉपर्टी की वैल्यू 100 करोड़ से ज्यादा है। जयदेव का कहना है कि उद्धव ने बरगलाकर यह वसीयत बालासाहेब से उस समय तैयार करवाई जब वह दिमागी तौर पर अस्वस्थ थे।

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