बता दें कि पिछले महीने के अंत में फैसल पटेल ने कहा था कि वो राजनीति में औपचारिक तौर पर आने को लेकर आश्वस्त नहीं हैं, परंतु वो अपने गृह जिले भरूच और नर्मदा के लिए परदे के पीछे से काम करना जारी रखेंगे।
उन्होंने 27 अपने ट्विटर पर लिखा था, “1 अप्रैल से मैं भरूच और नर्मदा जिलों की 7 विधानसभा सीटों का दौरा करूंगा। मेरी टीम वर्तमान में वहाँ राजनीतिक स्थिति क्या है इसका आंकलन करेगी और हमारे मुख्य लक्ष्य को पूरा करने के लिए यदि आवश्यक हो तो बड़े बदलाव करेगी- भगवान की इच्छा से सभी 7 सीटें जीतेंगे।”
फैसल पटेल फिलहाल रमजान के कारण अपने दौरे को थोड़ा देर से शुरू करेंगे, परंतु आज उनके एक ट्वीट ने सियासी गलियारे में सुगबुगाहट को पैदा कर दिया है।
कुछ दिन पहले ही फैसल पटेल ने कहा था, “मैं फिलहाल राजनीति में नहीं आ रहा हूं और अभी पार्टी में शामिल होने को लेकर निश्चित नहीं हूं.” हालांकि, फैसल ने कहा था कि अगर वह राजनीति में शामिल होते हैं, तो वह “चुनावी राजनीति में प्रवेश नहीं कर सकते, लेकिन पार्टी के लिए काम कर सकते हैं।” इस साल के अंत में गुजरात विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में फैसल पटेल का ये फैसला पार्टी की मुश्किलें बढ़ा सकता है।
गौरतलब है कि अहमद पटेल सोनिया गांधी के ‘सबसे शक्तिशाली’ सहयोगियों में से एक थे और वो कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष भी थे। वर्ष 2020 में अहमद पटेल का निधन हो गया। उन्होंने कभी अपने बेटे या बेटी को राजनीति में एंट्री दिलाने के लिए कोई मदद नहीं की है।
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कुछ दिन पहले ही फैसल पटेल ने कहा था, “मैं फिलहाल राजनीति में नहीं आ रहा हूं और अभी पार्टी में शामिल होने को लेकर निश्चित नहीं हूं.” हालांकि, फैसल ने कहा था कि अगर वह राजनीति में शामिल होते हैं, तो वह “चुनावी राजनीति में प्रवेश नहीं कर सकते, लेकिन पार्टी के लिए काम कर सकते हैं।” इस साल के अंत में गुजरात विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में फैसल पटेल का ये फैसला पार्टी की मुश्किलें बढ़ा सकता है।
गौरतलब है कि अहमद पटेल सोनिया गांधी के ‘सबसे शक्तिशाली’ सहयोगियों में से एक थे और वो कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष भी थे। वर्ष 2020 में अहमद पटेल का निधन हो गया। उन्होंने कभी अपने बेटे या बेटी को राजनीति में एंट्री दिलाने के लिए कोई मदद नहीं की है।
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