कुछ दिन पहले ही फैसल पटेल ने कहा था, “मैं फिलहाल राजनीति में नहीं आ रहा हूं और अभी पार्टी में शामिल होने को लेकर निश्चित नहीं हूं.” हालांकि, फैसल ने कहा था कि अगर वह राजनीति में शामिल होते हैं, तो वह “चुनावी राजनीति में प्रवेश नहीं कर सकते, लेकिन पार्टी के लिए काम कर सकते हैं।” इस साल के अंत में गुजरात विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में फैसल पटेल का ये फैसला पार्टी की मुश्किलें बढ़ा सकता है।
गौरतलब है कि अहमद पटेल सोनिया गांधी के ‘सबसे शक्तिशाली’ सहयोगियों में से एक थे और वो कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष भी थे। वर्ष 2020 में अहमद पटेल का निधन हो गया। उन्होंने कभी अपने बेटे या बेटी को राजनीति में एंट्री दिलाने के लिए कोई मदद नहीं की है।
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