नई दिल्ली। दिल्ली की आप सरकार के कानून मंत्री रहे जितेंद्र सिंह तोमर के बाद अब पार्टी की एक और विधायक भावना गौड़ की शैक्षणिक योग्यता पर भी सवाल उठ रहे हैं। दिल्ली की एक कोर्ट ने उनके खिलाफ विधानसभा चुनावों में कथित तौर पर हलफनामों में गलत जानकारी देने के आरोप में आपराधिक अभियोजन चलाने की मांग करने वाली शिकायत पर संज्ञान लिया है।
मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने उस शिकायत को विचारार्थ स्वीकार कर लिया, जिसमें पिछले दो चुनावों में पालम से विधायक गौड़ द्वारा चुनाव आयोग को दिए हलफानमों में उनकी शैक्षिक योग्यता से संबंधित जानकारियों में विसंगतियों का आरोप लगाया गया है। यह चुनाव यहां दिसंबर 2013 और फरवरी 2015 में हुए थे।
क्या कहा शिकायत में
शिकायतकर्ता समेंद्र नाथ वर्मा ने जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 125ए (झूठे हलफनामा दायर करने पर सजा) के तहत याचिका दायर की थी। धारा 125ए के तहत छह माह की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को मुकर्रर की है। शिकायत के मुताबिक, पालम से विधायक ने 2013 के चुनाव में अपने नामांकन के साथ दायर किए हलफनामे में अपनी उच्चतम शैक्षिक योग्यता 12वीं कक्षा तक बताई थी, जबकि 2015 में उन्होंने अपनी शैक्षिक योग्यता बीए और बीएड बताई है।
शिकायत में कहा गया है कि शिकायतकर्ता यह नहीं समझ पाया कि कैसे केवल 14 माह में (2013 में दायर पहला हलफनामा और 2015 में दायर हलफनामे) उन्होंने बीए और बीएड की अतिरिक्त शैक्षिक योग्यता हासिल कर ली, क्योंकि आम तौर पर यह दोनों पाठयक्रम करने में पांच साल का समय चाहिए(तीन साल बीए के लिए और दो वर्ष बीएड के लिए)।
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