डर शब्द नहीं है उनकी डिक्शनरी में
दरअसल, विंग कमांडर की मां डॉ. शोभा वर्थमान वर्षों से हिंसा, अकाल, बाढ़ग्रस्त क्षेत्र लाइबेरिया, इराक, आइवरी कोस्ट, पापुआ न्यू गिनी, हैती और लाओस सहित दुनिया के अन्य देशों में मानव सेवा में जुटी हैं। मानव सेवा का काम उनका जुनून है। इसके लिए वह जान को भी जोखिम में डालने से परहेज नहीं करतीं। इसके बावजूद उनके अंदर हिंसग्रस्त क्षेत्र में मानव सेवा का जुनून इस हद तक हावी है कि वो प्रतिकूल परिस्थितियों से कभी नहीं डरतीं। आज भी वो यूएन मिशन के कार्यक्रमों से जुड़ी हैं।
रॉयल कॉलेज लंदन से पोस्ट ग्रैजुएट
डॉ. शोभा मद्रास मेडिकल कॉलेज से स्नातक और इंग्लैंड के रॉयल कॉलेज ऑफ सर्जन्स से एनेस्थिसियोलॉजी में पोस्ट-ग्रेजुएट हैं। वह वर्षों से अंतरराष्ट्रीय संस्था मेडिसिन फ्रंटियर्स (एमएसएफ) के सदस्य के रूप में दुनिया भर में अपनी सेवाएं देती आई हैं। । वह हिंसाग्रस्त क्षेत्र में लाइबेरिया में भी यूएन शांति दूत के रूप में काम कर चुकी हैं।