एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अलका लांबा ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि वह इस प्रस्ताव का समर्थन नहीं करती। उन्होंने कहा कि जैसे ही विधानसभा में यह प्रस्ताव को पेश किया तो वह उठ कर सदन से बाहर चली गई। इसके बाद जब उनको प्रस्ताव पारित होने की सूचना मिली तो उन्होंने इस मसले पर दिल्ली के सीएम और आप संयोजक अरंविद केजरीवाल से बातचीत की। जिस पर केजरीवाल ने उनसे विधायक पद से इस्तीफा देने की मांग की दी। लांबा ने इस्तीफा देने के बाद पार्टी प्रमुख के आदेश का हवाला दिया है।
वहीं एक ट्वीट के माध्यम से अलका ने कहा कि आज दिल्ली विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी को दिया गया भारत रत्न वापस लेने संबंधी प्रस्ताव लाया गया। इसके दौरान उनसे भी इस प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए कहा गया। लेकिन यह उनको मंजूर नहीं हुआ और वह सदन से वॉकआउट कर गई। लांबा ने आगे लिखा कि इसकी जो भी सजा उनको मिलेगी वह उसके लिये तैयार हैं। ट्वीट में लांबा ने कहा कि किसी एक काम के लिए किसी को भारत रत्न पुरस्कार से नहीं नवाजा जाता। इसके लिए जीवन पर्यन्त देश के लिए उल्लेखनीय कार्य करने होते हैं। यही वजह है कि उन्होंने पूर्व पीएम से भारत रत्न वापस लेने की बात का समर्थन नहीं किया। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि राजीव गांधी ने देश के लिए कुर्बानी दी है और इस बाद को देशवासी कभी भुला नहीं पाएंगे।