बता दें कि उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने के बाद से विधानसभा या विधान परिषद में से किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे। मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए उन्हें 6 महीने के अंदर यानी 28 मई तक विधायक या विधान परिषद सदस्य बनना जरूरी था।
CM Sarbananda Sonowal : वापस लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराएगी असम सरकार इससे पहले कोरोना वायरस संकट के चलते विधान परिषद के चुनाव टल गए थे। चुनाव टलने की वजह से उद्धव ठाकरे के भविष्य को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगी थीं। लेकिन महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विधान परिषद के चुनाव जल्दी करवाने के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग को चिठ्ठी लिखी थी। जिसके बाद केंद्रीय चुनाव आयोग ने फैसला लेते हुए महाराष्ट्र विधान परिषद का चुनाव करवाने को हरी झंडी दी थी।
राज्यपाल की सिफारिश पर 9 एमएलसी पदों के लिए घोषणा के बाद से उद्धव ठाकरे का एमलएसी बनना तय हो गया था। महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य के रूप में आज सोमवार को 9 सदस्यों ने शपथ ली। इसमें शिवसेना के MLC सीएम उद्धव ठाकरे और विधानपरिषद की उपसभापति नीलम गोर्हे, बीजेपी के MLC रणजीत सिंह मोहिते पाटिल, गोपीचंद पडलकर, रमेश कराड, प्रवीण दटके हैं। वहीं एनसीपी के MLC अमोल मिटकरी, शशिकांत शिंदे और कांग्रेस के इकलौते MLC राजेश राठोड ने शपथ ली।