राजनीति

100 दिनः मोदी सरकार ने सुशासन और आंतरिक सुरक्षा को लेकर किए 22 बड़े फैसले

– तीन नए आपराधिक कानून हुए लागू तो नेशनल फॉरेंसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को दिया गया बढ़ावा

– केदारनाथ जैसी देश में फिर कोई आपदा आने से रोकने की बनी कार्ययोजना तो पूर्वोत्तर में शांति के लिए हुआ बड़ा समझौता

नई दिल्लीSep 16, 2024 / 04:55 pm

Navneet Mishra

नवनीत मिश्र
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की तीसरी सरकार ने 9 जून को शपथ लेने के 100 दिनों के भीतर सुशासन(गुड गवर्नेंस) और देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए 22 बड़े फैसले लिए हैं। साथ ही देश के किसी भी हिस्से में ग्लेशियर झील विस्फोट के कारण केदारनाथ जैसी तबाही फिर से न दोहराई जाए, इसके लिए भी बड़ी कार्ययोजना तैयार कर बजट की व्यवस्था हुई है।
गृहमंत्रालय ने इन 100 दिनों में पूर्वोत्तर में 2 प्रमुख उग्रवादी समूहों को हथियार डालने के लिए मजबूर करने में जहां सफलता पाई, वहीं साइबर अपराध की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए खास एक्शन प्लान पर भी अमल शुरू किया। इसके तहत देश में 5 हजार साइबर कमांडो तैयार करने से लेकर अत्याधुनिक साइबर धोखाधड़ी शमन केंद्र की स्थापना हुई है।

2 साल में पूरी तरह नए कानून उतरेंगे धरातल पर

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में एक जुलाई 2024 को तीन नए आपराधिक कानून- भारतीय दंड संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गए। गृहमंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, इन कानूनों को पूरी तरह से धरातल पर उतारने में कम से कम दो साल लगेंगे। इसके बाद देश की आपराधिक न्याय प्रणाली इतनी मजबूत हो जाएगी कि हर केस में शीर्ष अदालत तक से तीन साल के अंदर न्याय हो सकेगा।

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