सुषमा स्वराज: मोदी सरकार के पूर्ववर्ती मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री थीं और इस बार उन्होंने लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा था। उन्होंने कहा था कि उनका स्वास्थ्य लोकसभा चुनाव लड़ने और प्रचार करने की इजाजत नहीं देता है।
हालांकि बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह दोनों 67 साल की सुषमा को राज्यपाल बनाना चाहते हैं।
सुमित्रा महाजन: मध्य प्रदेश के इंदौर से लगातार 8 बार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन की गिनती बीजेपी के सबसे कद्दावर नेताओं में होती है।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में लोकसभा अध्यक्ष रहीं सुमित्रा ताई ने इसबार चुनाव नहीं लड़ा है। 76 वर्षीय ताई का मृदुल स्वभाव अक्सर चर्चा में रहता है।
प्रचंड बहुमत के साथ मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने के साथ ही इस बात की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें राज्यपाल बना सकते हैं।
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बंडारू दत्तात्रेय: 72 साल के बंडारू दत्तात्रेय दक्षिण भारत के पुराने बीजेपी नेताओं में शुमार हैं। तेलंगाना के सिकंदराबाद लोकसभा सीट से चार बार लोकसभा पहुंचे हैं।
पिछली मोदी सरकार में कुछ समय तक केंद्रीय मंत्री रहे दत्तात्रेय को बीजेपी ने इस बार टिकट नहीं दिया। दक्षिण का बड़ा चेहरा और पार्टी के लिए अच्छा प्रदर्शन करने की वजह से दत्तात्रेय को राज्यपाल बनाया जा सकता है।
मुरली मनोहर जोशी: बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक मुरली मनोहर जोशी अब पार्टी के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य हैं।
1991 और 1993 के बीच बीजेपी अध्यक्ष रहे जोशी को इस बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया। बीजेपी आलाकमान पर अक्सर 85 साल के जोशी के अनदेखी का आरोप लगता है।
माना जा रहा है कि मोदी और शाह की जोड़ी मुरली मनोहर जोशी को राज्यपाल की पदवी देकर सम्मानित करेगी।
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करिया मुंडा: पद्म भूषण से सम्मानित बीजेपी नेता करिया मुंडा को जल्द ही राज्यपाल बनाया जा सकता है। 83 साल के करिया मुंडा आठ बार झारखंड के खूंटी लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं।
इस बार उनकी जगह बीजेपी ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को उम्मीदवार बनाया था। 2009 से 2014 के बीच वह लोकसभा के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
करिया मुंडा की वरिष्ठता और राजनीतिक अनुभव को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें जल्द ही राज्यपाल बनाया जा सकता है।
कलराज मिश्र: तीन बार के राज्यसभा सदस्य और एक बार लोकसभा पहुंचने वाले बीजेपी के कलराज मिश्र भी जल्द ही राज्यपाल बनाए जाने के दावेदार हैं।
पिछली मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे मिश्र ने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही मंत्रिमंडल छोड़ दिया। 77 साल के कलराज मिश्र को बीजेपी ने इसबार टिकट नहीं दिया।
अब माना जा रहा है कि 75 साल की उम्र में खुद मंत्रिमंडल से हटने का उनको मोदी सरकार इनाम देते हुए जल्द ही किसी राज्य के राजभवन भेजेगी।
हुकुमदेव नारायण यादव: ग्राम प्रधान के पद से अपनी सियासी पारी शुरू करने वाले हुकुमदेव नारायण यादव 1977 में पहली बार भारत की छठी लोकसभा के सदस्य बने थे।
हुकुमदेव अबतक तीन बार विधायक, एक बार राज्यसभा और पांच बार लोकसभा सांसद चुने जा चुके हैं। हुकुमदेव नारायण यादव सदन में अपने भाषणों की वजह से हमेशा चर्चा में रहे हैं।
सोशल मीडिया पर उनके सैकड़ों भाषणों के वीडियो वायरल हैं। श्रेष्ठ सांसद के पुरस्कार से सम्मानित हुकुमदेव नारायण को 2019 में पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया था।
अपने अनुभव, लोकप्रियता और मधुर स्वभाव की वजह से हुकुमदेव नारायण यादव राज्यपाल बनाए जाने की सूची में शामिल हैं।
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भगत सिंह कोश्यारी: देवभूमि उत्तराखंड के दूसरे मुख्यमंत्री रह चुके भगत सिंह कोश्यारी भारतीय राजनीति का एक बड़ा चेहरा हैं।
आपातकाल के समय जेल जा चुके कोश्यारी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पुराने सदस्य हैं। 77 साल के भगत सिंह कोश्यारी संसद के दोनों सदनों के सदस्य रह चुके हैं।
इनके अनुभव और पार्टी की प्रति वफादारी को देखते हुए पीएम मोदी द्वारा कोश्यारी को राज्यपाल बनाया जा सकता है।
बिजोय चक्रवर्ती: 89 साल की बिजोय चक्रवर्ती ने 2014 लोकसभा चुनाव में असम की गुवाहाटी सीट से जीत हासिल की थी।
वाजपेयी सरकार में बिजोय को केंद्रीय मंत्री भी बनाया गया था। दो बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा सदस्य बन चुकीं बिजोय चक्रवर्ती भी जल्द ही राज्यापाल बनाई जा सकती हैं।
राज्य | राज्यपाल का नाम | कार्यकाल खत्म |
गुजरात | ओम प्रकाश कोहली | 15 जुलाई 2019 |
नागालैंड | पद्मनाथ बालकृष्ण आचार्य | 18 जुलाई 2019 |
त्रिपुरा | कप्तान सिंह सोलंकी | 26 जुलाई 2019 |
उत्तर प्रदेश | राम नाईक | 21 जुलाई 2019 |
पश्चिम बंगाल | केशरीनाथ त्रिपाठी | 23 जुलाई 2019 |
गोवा | मृदुला सिन्हा | 30 अगस्त 2019 |
कर्नाटक | वजुभाई रुडा भाई वाला | 31 अगस्त 2019 |
महाराष्ट्र | विद्यासागर राव | 29 अगस्त 2019 |
राजस्थान | कल्याण सिंह | 3 सितंबर 2019 |
केरला | पूर्व जस्टिस पी सदाशिवम | 4 सितंबर 2019 |
राज्यपाल की योग्यता
राज्य का संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल होता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 157 के अनुसार राज्यपाल पद पर नियुक्त किए जाने वाला व्यक्ति का भारतीय होना आवश्यक है।
वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो और राज्य विधानसभा का सदस्य चुने जाने के योग्य हो। इसके साथ ही राज्य सरकार या केंद्र कs किसी सार्वजनिक उपक्रम में लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए।