1- लाल कृष्ण आडवाणी (L. K Advani)
भारतीय जनता पार्टी के सह-संस्थापक और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के सातवें उप-प्रधानमंत्री रहे लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को हुआ था। 1970 से 89 तक वो चार बार राज्यसभा सदस्य रहे। वहीं, 1986 से लेकर 1991 तक भाजपा के अध्यक्ष भी रहे। 9वीं लोकसभा के लिए 1989 में उन्होंने पहली बार नई दिल्ली से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद आडवाणी 1991 में 10वीं, 1996 में 11वीं, 1998 में 12वीं, 1999 में 13वीं, 2004 में 14वीं, 2009 में 15वीं और 2014 में 16वीं लोकसभा में विजयी रहे। देश की राजनीति में भाजपा को इस शिखर तक लाने वालों में आडवाणी का अहम योगदान है।
2- माधवराव सिंधिया (Madhavrao Scindia)
कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे माधवराव सिंधिया का जन्म 10 मार्च 1945 को हुआ था। ग्वालियर, मध्य प्रदेश के आखिरी महाराजा जीवाजीराव सिंधिया के बेटे माधवराव नौ बार लोकसभा सांसद रहे और कभी चुनाव नहीं हारे। पहली बार उन्होंने 1971 में गुना लोकसभा क्षेत्र में केवल 26 वर्ष की उम्र में जीत हासिल की। फिर 1977 में इमरजेंसी हटने के बाद इसी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में सांसद बने। 1980 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी जॉइन की और तीसरी बार भी गुना से जीते। 1984 में उन्हें बिल्कुल अंतिम वक्त में ग्वालियर से उम्मीदवारी दी गई और उस वक्त उन्होंने भाजपा के अटल बिहारी वाजपेयी को भारी अंतर से शिकस्त दी। इसके बाद उन्होंने कभी गुना और कभी ग्वालियर से लोकसभा चुनाव लड़ा और हमेशा जीते। सिंधिया 5वीं से लेकर 11वीं लोकसभा तक जीतते रहे।
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3- खगपति प्रधानी (Khagapati Pradhani)
ओडिशा के नौरंगपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले खगपति प्रधानी नौ बार के लोकसभा सांसद रहे। 15 जुलाई 1922 को जन्में प्रधानी वर्ष 1967, 1971, 1977, 1980, 1984, 1989, 1991, 1996 और वर्ष 1998 के लोकसभा चुनाव में लगातार जीते। कांग्रेस पार्टी के नेता प्रधानी 9 बार लोकसभा सांसद बने और 1999 में उनका देहांत हो गया था।4- पीएम संगमा (P.A Sangma)
पुर्नो अगिटोक संगमा यानी पीए संगमा का जन्म 1 सितंबर 1947 को हुआ था। लोकसभा स्पीकर रहे संगमा 1988 से लेकर 1990 तक मेघालय के मुख्यमंत्री भी रहे थे। 1977 में मेघालय की तुरा सीट से छठे लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद से लेकर 2014 तक 16वीं लोकसभा में वह कभी नहीं हारे। 4 मार्च 2016 को हृदय रोग के चलते भारतीय राजनीति के इस अध्याय का अंत हो गया।5- जगजीवन राम (Jagjivan Ram)
बाबू जगजीवन राम का जन्म 5 अप्रैल 1908 को हुआ था। जवाहरलाल नेहरू की अंतरिम सरकार में वह सबसे कम आयु के मंत्री थे। 1952 में पहले लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद 1984 तक लगातार आठ बार सांसद रहे। बाबू जगजीवन राम भारत के उप प्रधानमंत्री भी रहे और आपातकाल के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़कर जनता पार्टी जॉइन कर ली। इसके बाद 1980 में उन्होंने खुद की कांग्रेस (जे) पार्टी का गठन किया। अपने आठ लोकसभा कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाले लोकसभा चुनाव 2019: वाराणसी में 26 अप्रैल को नामांकन दाखिल करेंगे पीएम मोदी! तैयारियां शुरू
6- सुमित्रा महाजन (Sumitra Mahajan)
सुमित्रा महाजन यानी भारतीय संसद की इकलौती ऐसी लोकसभा सांसद जो अब तक अपनी सेवाएं दे रही हैं। मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाली सुमित्रा आठ बार लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं और ऐसा करने वाले गिनती के राजनेताओं में से एक हैं। मानव संसाधन, संचार, पेट्रोलियम समेत तमाम महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल चुकी महाजन मौजूदा लोकसभा की सबसे वरिष्ठ महिला सांसद हैं। मीरा कुमार के बाद वह लोकसभा की दूसरी स्पीकर हैं। 1989 पहली बार लोकसभा सांसद बनने वाली सुमित्रा महाजन, 1991, 1996, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 की 16वीं लोकसभा तक एक बार भी नहीं हारीं।
7- शरद पवार (Sharad Pawar)
1999 में कांग्रेस से अलग होने के बाद नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की स्थापना करने वाले शरद पवार का जन्म 12 दिसंबर 1940 को हुआ था। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके शरद पवार भारत सरकार में रक्षा, कृषि जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। बीसीसीआई और आईसीसी के अध्यक्ष रह चुके शरद पवार ने 1984 में पहली बार महाराष्ट्र के पुणे की बारामती सीट से आठवें लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की। इसके बाद 2009 तक लगातार सांसद बनते रहे और शिकस्त नहीं खाई। फिलहाल वह राज्यसभा सांसद हैं। महिला सांसदों के लिए नहीं धड़कता है ‘देश का दिल’, 7 दशक में केवल सात को चुना
8- के. एच. मुनियप्पा (K.H. Muniyappa)
कर्नाटक के कोलार लोकसभा क्षेत्र से आने वाले केएच मुनियप्पा का जन्म 7 मार्च 1948 को हुआ था। कांग्रेस पार्टी के नेता मुनियप्पा 1991 में 10वें लोकसभा चुनाव के बाद 1996, 1998, 1999, 2004, 2009 और फिर 2014 के 16वें लोकसभा चुनाव तक लगातार सात बार जीते। भारत सरकार में माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज के केंद्रीय राज्य मंत्री रह चुके मुनियप्पा डॉ. मनमोहन सिंह सरकार में सफलता से अपना दायित्व संभाल चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2019: इस सीट पर बड़ा दिलचस्प मुकाबला, सियासी जंग में पिता के खिलाफ उतरी बेटी
9- सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी (Sultan Salahuddin Owaisi)
तेलंगाना (तत्कालीन आंध्र प्रदेश) के कद्दावर नेता माने जाने वाले सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी का जन्म 14 फरवरी 1931 को हुआ था। वह ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी से जुड़े रहे और वर्ष 2004 में संन्यास लेने तक लगातार छह बार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की। 1984 में आठवें लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद 1999 में 13वें लोकसभा चुनाव तक विजयी रहे।10- अनंत गीते (Anant Geete)
अनंत गंगाराम गीते का जन्म 2 जून 1951 को हुआ था और वह महाराष्ट्र से शिवसेना के सदस्य हैं। मौजूदा सरकार में हैवी इंडस्ट्रीज और पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज के केंद्रीय मंत्री गीते इससे पहले ऊर्जा मंत्री भी रह चुके हैं। छह बार लगातार सांसद रहने वाले गीते 1996 में 11वें लोकसभा चुनाव में जीतने के बाद 2014 के 16वें लोकसभा चुनाव तक लगातार जीतते रहे हैं। Indian Politics से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर .. Lok sabha election Result 2019 से जुड़ी ताज़ातरीन ख़बरों, LIVE अपडेट तथा चुनाव कार्यक्रम के लिए Download patrika Hindi News App.