भीड़ में काना-फूसी होने लगी कि वरुण गांधी पार्टी में अलग-थलग पड़ चुके हैं। तमाम राजनीतिक पंडित और सियासत में इंटरेस्ट रखने वाले लोगों ने उनके बयान को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज माना।
पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी को बीजेपी के सांसद से ज्यादा बीजेपी से सवाल पूछने वाले सांसद के रूप में ख्याति प्राप्त है। उनके बोलने और डिबेट करने के तरीके में परिपक्वता झलकती है। यूपी सरकार द्वारा प्रदेश के रेलवे और मेट्रो स्टेशनों पर प्रीमियम ब्रांड शराब बेचने की अनुमति देने पर सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ‘X’ के माध्यम से उन्होंने ट्वीट किया और उन्होंने कहा कि “करोड़ों परिवार उजाड़ने वाली शराब का राजस्व वृद्धि’ के लिए प्रचार किया जाना दुखद है। शराब का नकारात्मक असर शराबी से अधिक उनके परिवार पर पड़ता है, महिलाओं व बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। क्या ‘रामराज्य’ में सरकार के पास राजस्व बढ़ाने के लिए इससे बेहतर विकल्प नहीं है?”
अपनी ही सरकार से सवाल पूछने के उनके तरीके से वह मीडिया और पार्टी में चर्चा का केंद्र रहते हैं। अब बीजेपी फायर ब्रांड सांसद वरुण गांधी का रिपोर्ट कार्ड पर चलते हैं… 1. गर्भावस्था का चिकित्सकीय समापन (संशोधन) विधेयक, 2020
2. इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) पर
3. प्रतिबंध विधेयक, 2019
4. अंतर-राज्य नदी जल विवाद (संशोधन) विधेयक, 2019
5. सरकार से अनुरोध. इथेनॉल युक्त पेट्रोल का उपयोग करें
6. केंद्रीय बजट – 2019-20
2. इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) पर
3. प्रतिबंध विधेयक, 2019
4. अंतर-राज्य नदी जल विवाद (संशोधन) विधेयक, 2019
5. सरकार से अनुरोध. इथेनॉल युक्त पेट्रोल का उपयोग करें
6. केंद्रीय बजट – 2019-20
महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध, स्टेशन पर वाईफाई की सुविधा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के सैलरी पर पूछे सवाल…
1. सतत फसल के लिए प्रोटोकॉल
2. महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध के लिए विशेष न्यायालय
3. आशा कार्यकर्ताओं को पारिश्रमिक
4. POCSO अधिनियम के तहत विशेष न्यायालय
5. दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षण
1. सतत फसल के लिए प्रोटोकॉल
2. महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध के लिए विशेष न्यायालय
3. आशा कार्यकर्ताओं को पारिश्रमिक
4. POCSO अधिनियम के तहत विशेष न्यायालय
5. दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षण
विदेशी सार्वजनिक अधिकारियों और सार्वजनिक अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के अधिकारियों की रिश्वतखोरी की रोकथाम विधेयक, 2019 प्राइवेट मेंबर बिल लेकर आए थे। प्राइवेट मेंबर बिल एक विशेषाधिकार है। इस अधिकार के तहत सांसद संसद में अपने विवेक से एक प्राइवेट बिल लेकर आते हैं। हालांकि शर्त यह है कि वही सांसद इस बिल को पेश कर सकते हैं जिनके पास कोई मंत्री पद नहीं है।
यह भी पढ़ेंः संसद में सवाल पूछने का नेशनल एवरेज 207, सोनिया ने पूछा 0 1. भारतीय रोज़गार संहिता, 2022
2. कृषि उपज बिल, 2022 के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का किसानों का अधिकार
3. अधिशेष भोजन का अनिवार्य दान विधेयक, 2020
4. विदेशी सार्वजनिक अधिकारियों और सार्वजनिक अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के अधिकारियों की रिश्वतखोरी की रोकथाम विधेयक, 2019
5. लोक प्रतिनिधित्व (संशोधन) विधेयक, 2019 (धारा 62 का संशोधन)
2. कृषि उपज बिल, 2022 के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का किसानों का अधिकार
3. अधिशेष भोजन का अनिवार्य दान विधेयक, 2020
4. विदेशी सार्वजनिक अधिकारियों और सार्वजनिक अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के अधिकारियों की रिश्वतखोरी की रोकथाम विधेयक, 2019
5. लोक प्रतिनिधित्व (संशोधन) विधेयक, 2019 (धारा 62 का संशोधन)
(इस रिपोर्ट के शोध कार्य में अभिषेक पांडेय ने मदद की है। वह पत्रिका डिजिटल के साथ इंटर्नशिप कर रहे हैं।)