पीलीभीत। खूंखार डाकू, चंबल के बीहड़ों का राजा, 550 डाकुओं का सरदार और लगभग 125 कत्लों के आरोप में भारत सरकार द्वारा इनामी डाकू पंचम सिंह आज का योगी बन चुका है। अब लोगों के मन को परिवर्तित करने में अपना जीवन व्यतीत कर रहा है। कभी चंबल के बीहड़ों में बंदूक की नोक पर दहशत का पर्याय रहा डाकू सरदार पंचम सिंह योगी बनने के बाद देश भर में अध्यात्म की अलख जगा रहा है। पंचम ने अध्यात्म और आत्मविश्वास के बल पर जिंदगी बदलने के गुर सिखाए। पंचम बीते दिन पीलीभीत पहुंचे और वो आज जेल परिसर में कैदियों को अध्यात्म का पाठ पढ़ायेंगे।
पंचम ने कराया था 550 डाकुओं का समर्पण चंबल के बीहड़ों में दहशत के रूप में कुख्यात पंचम सिंह जमींदारों के सताने पर परिवार का बदला लेने के लिए डाकू बने। पंचायत चुनाव के दौरान एक पक्ष का समर्थन करने पर विरोधी गुट के लोगों ने इतना बेरहमी से पीटा कि लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। इलाज के बाद जब गांव लौटा तो ग्रामीणों का उत्पीड़न शुरू हो चुका था। विरोधी गुट हावी था। हर किसी का जीना दुश्वार था। फिर क्या था कूद पड़े चंबल के बीहड़ों में 12 डाकुओं के साथ। धीरे-धीरे यह कुनबा बढ़ता गया। बदले की भावना से छह लोगों की सरेआम हत्या कर दी गई। करीब 14 साल तक बीहड़ों में दहशत का पर्याय बना रहा। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रेरणा से आत्मसमर्पण किया। तब 550 डाकुओं ने एक साथ बंदूक छोड़ दी थी।
पीलीभीत में हैं डाकू पंचम 1922 में डाकू पंचम सिंह चौहान का जन्म हुआ था, पहले यह चम्बल की घाटियों में डकैती करते थे और करीब 125 हत्याओं का आरोप 556 डकैतों के सरदार थे। 200 डकैतियों का अरोप है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इन्दिरा गांधी से भी मुलाकात हो चुकी है। आज यह ब्रहमकुमारी इश्वरीय विश्व विद्यायल में लोगों को धार्मिक ज्ञान दे रहे हैं।