सांसद वरुण गांधी ने कहा कि यूपी पहले ही बेरोजगारी की चपेट में था। अब यह 18 लाख लोगों का आंकड़ा और बढ़ा है। इसका असर करीब एक करोड़ लोगों पर पड़ा है। सरकार स्थाई रोजगार सिर्फ इसलिए नहीं दे रहे क्योंकि आटा, दाल और चना दे रही है। चुनाव जीतने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
पांच साल में 18 लाख लोग हुए बेरोजगार
वरुण गांधी ने कहा कि निजीकरण की वजह से प्रदेश में पांच साल में 18 लाख लोग नौकरी से हटाए गए। उन्होंने कहा कि सालों में वास्तविक वेतन मात्र एक फीसदी बढ़ा है लेकिन महंगाई कई गुना बढ़ी है। इसका असर आम लोगों पर पड़ रहा है। लोगों के पास जो जमा पूंजी थी, वह महंगाई ने खत्म कर दी।
वरुण गांधी ने कहा कि निजीकरण की वजह से प्रदेश में पांच साल में 18 लाख लोग नौकरी से हटाए गए। उन्होंने कहा कि सालों में वास्तविक वेतन मात्र एक फीसदी बढ़ा है लेकिन महंगाई कई गुना बढ़ी है। इसका असर आम लोगों पर पड़ रहा है। लोगों के पास जो जमा पूंजी थी, वह महंगाई ने खत्म कर दी।
दो दिवसीय दौरे पर पीलीभीत पहुंचे सांसद वरुण गांधी ने बीसलपुर के अभय भगवंतपुर, सोरहा, मझगवां, रड़ेता, रोहनिया भूड़ा आदि गांवों में जनसंवाद किया। सांसद बोले कि कई बार सुनते हैं कि सरकार स्थिर और स्थायी है लेकिन क्या लोग खुश हैं और उनका जीवन मजबूत है, बिल्कुल नहीं।
7 सालों में 28 करोड़ लोगों ने सरकारी नौकरी की दी परीक्षा
वरुण गांधी ने कहा कि सरकारी नौकरी पहले आम आदमी के लिए एकमात्र नौकरी थी। जबसे निजीकरण हुआ तब से नौकरी पाना तो दूर उसके बारे में सोचना भी कठिन है। यही वजह है कि दो भारत बन गए हैं। एक भारत में लोग आसानी से दौड़ रहे हैं और दूसरे भारत का भट्ठा बैठता जा रहा है। पिछले सात वर्षों में 28 करोड़ लोगों ने सरकारी नौकरी के लिए परीक्षाएं दीं पर नौकरी मात्र सात लाख लोगों को ही नौकरी मिली है।
वरुण गांधी ने कहा कि सरकारी नौकरी पहले आम आदमी के लिए एकमात्र नौकरी थी। जबसे निजीकरण हुआ तब से नौकरी पाना तो दूर उसके बारे में सोचना भी कठिन है। यही वजह है कि दो भारत बन गए हैं। एक भारत में लोग आसानी से दौड़ रहे हैं और दूसरे भारत का भट्ठा बैठता जा रहा है। पिछले सात वर्षों में 28 करोड़ लोगों ने सरकारी नौकरी के लिए परीक्षाएं दीं पर नौकरी मात्र सात लाख लोगों को ही नौकरी मिली है।