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फोन करने के एवज में धन वसूली आपको बता दें कि विभिन्न मामलो में संलिप्त व पीड़ित नाबालिक लड़कियों को यहां महिला स्वाधार गृह में उनकी सुपुर्दगी निर्धारण करने के लिए न्यायालय नाबलिगों को बाल कल्याण समिति भेजता है, जहां से बाल कल्याण समिति नाबालिग लड़कियों को निस्तारण तक स्वाधार गृह भेजता है और बालिग होने पर उनकी सुपुर्दगी तय कर करता है लेकिन स्वाधार ग्रह में अभिभावकों से मिलने, फोन करने व छोड़ने के एवज में धन वसूली की जाती है। यह भी पढ़ें
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60 रुपए रिश्वत मांगी दरअसल अधिवक्ता अंशुल गौरव सिंह ने अप्रेल 2018 में जिला प्रशासन से शिकायत की थी कि थाना बरखेड़ा की नाबालिग रानी ने सुनील कुमार से अप्रेल 2018 में विवाह कर लिया था, उस समय रानी नाबालिग थी पीलीभीत की एसीजेएम कोर्ट ने 24 अप्रेल 2018 को रानी की सुपुर्दगी निर्धारण करने के लिए बाल कल्याण समिति भेजा था क्योंकि रानी उस समय नाबलिग थी, इसलिए बाल कल्याण समिति ने रानी को स्वाधार गृह भेजा दिया। रानी 11 जून 2018 को हाईस्कूल प्रमाणपत्र के अनुसार पूर्ण बालिक हो गयी लेकिन आरोप है कि स्वाधार गृह का चपरासी शिवम व वार्डन राजकुमारी व बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष जीनत जहां बेगम किशोरी को छोड़ने के नाम पर परिवार वालों से 60 हजार रूपए मांगने लगा। इस दौरान परिवार ने 13 हजार रूपए भी दिये लेकिन स्वाधार गृह के कर्मचारी 60 हजार रूपए की मांग करते रहे थे। यह भी पढ़ें