थाना जहानाबाद क्षेत्र के ग्राम बिलई निवासी 11 वर्षीय मुजाहिद नूर शहर कोतवाली क्षेत्र के एक मदरसे में कक्षा चार में पढ़ाई करता है। मुजाहिद ने कोतवाली पुलिस और चाइल्ड लाइन की टीम को बताया कि मदरसे में उसके साथ मारपीट की जाती है। उसको जंजीरों से बांधकर रखा जाता है। जब वह अपने घर पर बात कराने के लिए कहता है तो उसकी पिटाई की जाती है।
किसी तरह जंजीर ढीली होने पर वह मदरसे से भाग गया और नेहरू पार्क के पास पहुंचा, जहां उसे चाइल्ड लाइन की टीम मिली। बच्चे ने चाइल्ड लाइन टीं को अपनी पीड़ा बताई। बच्चे के साथ अमानवीय घटना की जानकारी होने के बाद टीम ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी। कोतवाली पुलिस ने मासूम के बयान लेने के बाद उसका जिला अस्पताल में मेडिकल कराया। मेडिकल के दौरान उसके शरीर में चोटों की पुष्टि हुई है। सूचना मिलने पर परिजन भी कोतवाली पहुंचे। चाइल्ड लाइन टीम और पुलिस ने मासूम को बाल कल्याण समिति की न्यायिक पीठ के समक्ष पेश किया।
दो दिसंबर को दोबारा होगी पेशी बालक को परिवार के सुपर्द कर दिया गया है। दो दिसंबर को दोबारा बाल कल्याणि समिति के सामने उसे पेश किया जाएगा। उधर, इसकी जानकारी होने पर रविवार को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मोहम्मद खालिद और बालक कल्याण समिति की अध्यक्ष/मजिस्ट्रेट जीनत बेगम और चाइल्ड लाइन की टीम कोतवाली पहुंची और पुलिस से पूरे मामले की जानकारी ली।
इस मामाले में एसपी जयप्रकाश ने कहा है कि आदेश के खिलाफ मदरसा खोले जाने पर जांच व कार्रवाई होगी। वर्तमान में कोरोना संक्रमण को लेकर कक्षा एक से आठ तक के सभी स्कूल बंद चल रहे हैं, ऐसे में मदरसा कैसे खुला हुआ है, इसकी जांच की जाएगी। जांच कोतवाली पुलिस और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग करेगा।