पंचमी पूर्णा संज्ञक शुभ तिथि रात्रि १२.२५ तक, इसके बाद षष्ठी नन्दा संज्ञक तिथि प्रारम्भ हो जाएगी
•Dec 23, 2017 / 09:45 am•
सुनील शर्मा
योग: वज्र नामक नैसर्गिक अशुभ योग संपूर्ण दिवारात्रि है। वज्र नामक योग की प्रथम तीन घटी शुभ कार्यों में वर्जित है। विशिष्ट योग: रात्रि ९.४३ से दोष समूह नाशक रवियोग नामक शक्तिशाली शुभ योग है। करण: बव नामकरण पूर्वाह्न ११.२४ तक, इसके बाद बालव नामकरण है।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज प्रात: ८.३४ से ९.५१ तक शुभ तथा दोपहर १२.२६ से सायं ४.१८ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर १२.०५ से दोपहर १२.४६ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
राहुकाल: प्रात: ९.०० से १०.३० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे: आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (गि, गु, गे, गो, सा) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। प्रात: ८.३० बजे तक जन्मे जातकों की जन्म राशि मकर व इसके बाद जन्मे जातकों की जन्म राशि कुम्भ है। इनका जन्म ताम्रपाद से हुआ है। सामान्यत: ये जातक कला के शौकीन, अच्छे व्यापारी, पराक्रमी, माता-पिता की सेवा वाले, रागविद्या में रुचि, इनका प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सरकारी काम से सम्बंध होता है। इनके १५-२३ व २९वें वर्ष>प्राय: शुभ नहीं रहते। मकर राशि वाले जातकों की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद रहेगी। अचानक धन लाभ भी संभव है।
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