तीर्थ यात्रा

आज है सर्वार्थसिद्धि योग, इन उपायों से होगा जबरदस्त फायदा

आज प्रात: ८.३६ से दोपहर १२.४१ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा दोपहर बाद २.०२ से अपराह्न ३.२४ तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं

Feb 04, 2018 / 10:26 am

सुनील शर्मा

1/3

चतुर्थी रिक्ता संज्ञक तिथि प्रात: ८.५८ तक, उसके बाद पंचमी पूर्णा संज्ञक तिथि है। चतुर्थी तिथि में यथा आवश्यक शत्रुमर्दन, बंधन, अग्निविषादिक असद् कार्य और शस्त्र प्रहार आद कार्य प्रशस्त हैं। शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित हैं। पंचमी तिथि में भी स्थिर और चंचल कार्य तथा अन्य मांगलिक कार्यादि शुभ कहे गए हैं। ऋण देना शुभ नहीं है। नक्षत्र: उत्तरा फाल्गुनी ‘ध्रुव व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र प्रात: १०.२८ तक, तदन्तर हस्त ‘क्षिप्र व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में यथा आवश्यक विवाह, यज्ञोपवीत, स्थिरता, अलंकार, गृहारम्भ व प्रवेश आदि तथा हस्त नक्षत्र में यात्रा, विद्या, विवाहादि, अलंकार, वस्त्र, औषध, घर का आरंभ व प्रतिष्ठादिक कार्य शुभ होते हैं। पर अभी शुक्र के बाल्यत्व दोष के कारण विवाहादि मांगलिक कार्य शुभ नहीं है।

2/3

श्रेष्ठ चौघडि़ए :
आज प्रात: ८.३६ से दोपहर १२.४१ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा दोपहर बाद २.०२ से अपराह्न ३.२४ तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर १२.१९ से दोपहर १.०२ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं। विशिष्ट योग: सूर्योदय से सम्पूर्ण दिवारात्रि सर्वार्थसिद्धि नामक शुभ योग विद्यमान है।

3/3

राहुकाल :
सायं ४.३० बजे से सायं ६.०० बजे तक राहुकाल वेला में शुभ कार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।

Hindi News / Photo Gallery / Astrology and Spirituality / Pilgrimage Trips / आज है सर्वार्थसिद्धि योग, इन उपायों से होगा जबरदस्त फायदा

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.