बिहार का ‘देवघर’ है यह मंदिर, सावन में हर मुराद पूरी करते हैं बाबा गरीबनाथ
baba garibnath dham : मुजफ्फरपुर स्थित बाबा गरीबनाथ धाम को बिहार का देवघर कहा जाता है। सावन महीने में यहां दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं।
बिहार का ‘देवघर’ है यह मंदिर, सावन में हर मुराद पूरी करते हैं बाबा गरीबनाथ
17 जुलाई से सावन ( savan ) की शुरुआत हो रही है। सावन महीने ( month of savan ) में शिव मंदिरों की महत्ता भी बढ़ जाती है। आज हम बात करेंगे बिहार के ‘देवघर’ की। दरअसल, मुजफ्फरपुर ( Muzaffarpur ) स्थित बाबा गरीबनाथ धाम को बिहार ( Bihar ) का देवघर ( Deoghar ) कहा जाता है। सावन महीने में यहां दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं।
ये भी पढ़ें- सावन में सोमवार ही नहीं मंगलवार भी है खास, ऐसे पूजा करने पर बजरंगबली होते हैं खुश बताया जाता है कि जब से झारखंड बिहार से अलग हुआ, तब से सबसे अधिक श्रद्धालु सावन महीने में यहां आते हैं और पूजा अर्चना करते हैं। सावन के महीने में गरीबनाथ धाम श्रद्धालुओं के आस्था और श्रद्धा का केन्द्र रहा है। यहां आने वाले शिव भक्त ‘मनोकामनालिंग’ के तौर पर पूजा करते हैं। बताया जाता है यहां आने वाले सभी श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण करते हैं। यही कारण है कि बाब गरीबनाथ ‘मनोकामनालिंग’ के नाम से मशहूर हैं।
सावन महीने में देवघर की तर्ज बाबा गरीबनाथ धाम में भी डाक बम लेकर जाते हैं और जलाभिषेक करते हैं। यहां पर कांवड़िया ( Kanwar Yatra ) सोनपुर के पहलेज घाट से जल लेकर चलते हैं और 70 किमी दूरी तय कर बाब गरीबनाथ पर जलाभिषेक करते हैं। बताया जाता है कि यहां डाक बम गंगा जल लेकर महज 12 घंटे में बाब पर जलाभिषेक करते हैं।
बाबा गरीबनाथ का इतिहास धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बाबा गरीबनाथ धाम का करीब तीन सौ साल पुराना इतिहास रहा है। मान्यता है कि पहले यहां पर घना जंगल था और इन जंगलों के बीच सात पीपल के पेड़ थे। बताया जाता है कि पेड़ की कटाई के समय खून जैसे लाल पदार्थ निकलने लगे और यहां से एक विशालकाय शिवलिंग मिला। लोग बताते हैं कि जमीन मालिक को बाब ने स्वपन में दर्शन दिया, तब से ही यहां पूजा-अर्चना हो रही है।