यही कारण है कि हर शुभ कार्य करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। आज हम आपको गणेश जी की एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां भक्त उनके पीठ पर स्वस्तिक का उल्टा निशान बनाते हैं। मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालु जो भी कामना लेकर आते हैं, वह जरुर पूरी होती है। यह मंदिर मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित है। इसे खजराना गणेश मंदिर ( khajrana ganesh mandir ) के नाम से जाना जाता है।
होल्कर वंश की महारानी अहिल्याबाई ने करवाया था निर्माण मंदिर का निर्माण 1735 में होल्कर वंश की महारानी अहिल्याबाई ने करवाया था। मान्यताओं के अनुसार श्रद्धालु इस मंदिर की तीन परिक्रमा लगाते हैं और मंदिर की दीवार में धागा बांधते हैं।
ऐसे हुई थी खजराना गणेश की स्थापना इस मंदिर में स्थित प्राचीन प्रतिमा के बारे में कहते हैं यह प्रतिमा एक स्थानीय पंडित मंगल भट्ट को सपने में दिखी थी। इसी सपने के बाद रानी अहिल्या बाई होल्कर ने खुदाई कर जमीन के नीचे से मूर्ति निकलवाई और स्थापित करवाया। जहां से प्रतिमा निकाली गई थी वहां एक जलकुंड है, जो मंदिर के ठीक सामने है।
बुधवार का है विशेष महत्व इंदौर के खजराना मंदिर में वैसे तो रोज पूजा और आरती होती है, लेकिन बुधवार का दिन यहां के लिए खास होता है। उस दिन यहां विशेष पूजा और आरती आयोजित की जाती है। इसमें शामिल होने बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं आते हैं। गणेश चतुर्थी के मौके पर बड़ी संख्या में गणेश भक्त यहां आते हैं।
देश के सबसे धनी गणेश मंदिरों में से एक इस मंदिर को देश के सबसे धनी मंदिरों में से एक माना जाता है। श्रद्धालुओं की ओर से चढ़ाए जाने वाले नकद-चढ़ावे को देखते हुए खजराना गणेश मंदिर मध्य प्रदेश ही नहीं देश के कई मंदिरों से काफी आगे है। जबसे यहां ऑनलाइन दान देने की व्यवस्था शुरू हुई है इसमें और भी इजाफा हुआ है। इस मंदिर की कुल चल और अचल संपत्ति बेहिसाब है।
33 मंदिर है आस पास यहां भगवान मां दुर्गा और शिव मंदिर सहित कुल 33 छोटे-बड़े मंदिर हैं, जो अनेक देवी-देवताओ को समर्पित है। मंदिर कैंपस में एक पीपल का पेड़ है। जिसके बारे में ये कहा जाता है कि यह भी मनोकामना पूर्ण करने वाला है।