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उत्तर भारत का ‘सोमनाथ’ है यह मंदिर, सुबह होने के कारण निर्माण रह गया अधूरा

Bhojeshwar temple : इस मंदिर का निर्माण सिर्फ एक रात में किया गया था। बताया जाता है कि सुबह हो जाने के कारण इसका निर्माण अधूरा रह गया।

Aug 10, 2019 / 11:26 am

Devendra Kashyap

उत्तर भारत का ‘सोमनाथ’ है यह मंदिर, सुबह होने के कारण निर्माण रह गया अधूरा

मध्य प्रदेश ( madhya pradesh ) की राजधानी भोपाल ( Bhopal ) से 32 किलोमीटर दूर स्थित है भोजपुर। इससे लगती हुई पहाड़ी पर एक विशाल शिव मंदिर ( Lord Shiva ) है, जिसे भोजेश्वर मंदिर ( Bhojeshwar temple ) के नाम से जाना जाता है। इस शिव मंदिर का निर्माण परमार वंश के प्रसिद्ध राजा भोज (1010 ई-1055 ई ) द्वारा किया गया था। इस मंदिर का विशाल शिवलिंग ( shivling ) है। यह शिवलिंग विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग है। इस शिवलिंग की लम्बाई 5.5 मीटर (18 फीट ), व्यास 2.3 मीटर ( 7.5 फीट ) और केवल शिवलिंग की लम्बाई 3.85 मीटर (12 फीट ) है।
 

 

एक रात में बनाया गया था मंदिर

बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सिर्फ एक रात में किया गया था। लोग कहते हैं सुबह हो जाने के कारण इसका निर्माण अधूरा रह गया, जो आज भी वैसा ही है। हालांकि इसके पीछे के स्पष्ट कारण के बारे में कोई नहीं जानता। इस मंदिर के पीछे वाले भाग में ढलान है, जिसका इस्तेमाल मंदिर को बनाने में उपयोग में आने वाले विशाल पत्थरों को ढोने के लिए किया गया था।
bhojeshwar temple

इस्लाम के आगमन के पहले हुआ था निर्माण

इस मंदिर का निर्माण भारत में इस्लाम के आगमन के पहले हुआ था। मंदिर में गुम्बदाकार छत भी है। ऐसा माना जाता है कि गर्भगृह के ऊपर बनी अधूरी गुम्बदाकार छत से ही भारत के मंदिरों में गुम्बद निर्माण प्रचलन में आया। कुछ विद्धान इसे ही भारत में सबसे पहले गुम्बदीय छत वाली इमारत मानते हैं। मंदिर का दरवाजा भी किसी हिंदू घर के इमारत के दरवाजों में सबसे बड़ा है।
bhojeshwar temple
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