एक रात में बनाया गया था मंदिर बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सिर्फ एक रात में किया गया था। लोग कहते हैं सुबह हो जाने के कारण इसका निर्माण अधूरा रह गया, जो आज भी वैसा ही है। हालांकि इसके पीछे के स्पष्ट कारण के बारे में कोई नहीं जानता। इस मंदिर के पीछे वाले भाग में ढलान है, जिसका इस्तेमाल मंदिर को बनाने में उपयोग में आने वाले विशाल पत्थरों को ढोने के लिए किया गया था।
इस्लाम के आगमन के पहले हुआ था निर्माण इस मंदिर का निर्माण भारत में इस्लाम के आगमन के पहले हुआ था। मंदिर में गुम्बदाकार छत भी है। ऐसा माना जाता है कि गर्भगृह के ऊपर बनी अधूरी गुम्बदाकार छत से ही भारत के मंदिरों में गुम्बद निर्माण प्रचलन में आया। कुछ विद्धान इसे ही भारत में सबसे पहले गुम्बदीय छत वाली इमारत मानते हैं। मंदिर का दरवाजा भी किसी हिंदू घर के इमारत के दरवाजों में सबसे बड़ा है।
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