तीर्थ यात्रा

अक्षय तृतीया 2020 : अब खुलेंगे भगवान बद्रीनारायण के बंद कपाट, 6 माह तक होंगी विशेष पूजा

धर्म ग्रंथों के अनुसार, अक्षय तृतीया को खुलते हैं बद्रीनाथ धाम के द्वार

Apr 25, 2020 / 04:09 pm

Shyam

अक्षय तृतीया 2020 : अब खुलेंगे भगवान बद्रीनारायण के बंद कपाट, होंगी विशेष पूजा

हिमालय की गोद, अलखनंदा नदी के किनारे पर उत्तराखण्ड राज्य में स्थापित धरती का स्वर्ग कहा जाने वाले भगवान बद्रीनाथ के दर्शन 6 माह के लंबे इंतजार के अब होंगे दर्शन। ब्राह्ममुहूर्त में वैदिक मंत्रोंचार के उच्चारण के साथ बद्रीनाथ धाम के द्वार भक्तों के दर्शन होंगे। इस मंदिर की स्थापना 8वीं शताब्दी में आदि जगद गुरु शंकराचार्य जी ने की थी।

अक्षय तृतीया : भगवान लक्ष्मीनारायण के साथ बजरंग बली की पूजा का महत्व, पढ़ें पूरी खबर

धार्मिक परंपरा के अनुसार, भगवान बद्रीनाथ धाम में छह महीने मनुष्य और छह महीने देवता पूजा होती है। शीतकाल के दौरान देवर्षि नारद यहां भगवान नारायण की पूजा करते हैं। इस दौरान भगवान बद्री विशाल के मंदिर में सुरक्षा कर्मियों के सिवा और कोई भी नहीं रहता। मान्यता है कि हर साल वैशाख मास की अक्षय तृतीया तिथि को ही भगवान बद्रीनाथ के 6 मास से बंद कपाट विधिवत पूजा अर्चना के बाद खुलते हैं।

आदि जगद गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार धामों में से एक बद्रीनाथ धाम भगवान श्रीविष्णु का निवास स्थल है। पुराणों में भी इस मंदिर का विशेष वर्णन किया गया है। भगवान बद्रीनाथ का आशीर्वाद पाने की कामना से भक्त बड़ी संख्या में हर साल बद्री विशाल के मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं। अब से लेकर अगले 6 महीने तक भगवान श्री बद्रीनारायण यहां अपने प्रिय भक्तों को दर्शन देंगे।

अक्षय तृतीया 2020 : अब खुलेंगे भगवान बद्रीनारायण के बंद कपाट, होंगी विशेष पूजा

भगवान बद्रीनाथ धाम से जुड़ी खास बातें

1- बद्रीनाथ धाम से जुड़ी एक मान्यता है कि ‘जो आए बदरी, वो न आए ओदरी’, इसका मतलब जो व्यक्ति बद्रीनाथ के दर्शन एक बार कर लेता है उसे दोबारा माता के गर्भ में नहीं प्रवेश करना पड़ता।

2- भगवान बद्रीनाथ के बारे में कहा जाता है कि पहले भगवान भोलेनाथ यहां निवास करते थे, लेकिन बाद में भगवान विष्णु ने इस स्थान को भगवान शिव से मांग लिया और यहीं निवास करने लगें।

अक्षय तृतीया 2020 : अब खुलेंगे भगवान बद्रीनारायण के बंद कपाट, होंगी विशेष पूजा

3- बद्रीनाथ धाम दो पर्वतों के बीच बसा है, इन्हें नर नारायण पर्वत कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि यहां भगवान विष्णु के अंश नर और नारायण ने तपस्या की थी।

4- मान्यता है कि भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलते समय मंदिर में जलने वाले अखंड दीपक के दर्शन मात्र से मनोकामना पूरी हो जाती है। कहा जाता है कि 6 महीने तक बंद दरवाजे के अंदर देवता ही इस दीपक को जलाए रखते हैं।

5- ऐसा कहा जाता है कि स्वर्ग का रास्ता बद्रीनाथ धाम से ही होकर जाता है, क्योंकि यहां नारायण स्वयं विराजते हैं।

**************

Hindi News / Astrology and Spirituality / Pilgrimage Trips / अक्षय तृतीया 2020 : अब खुलेंगे भगवान बद्रीनारायण के बंद कपाट, 6 माह तक होंगी विशेष पूजा

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.