यह तीर्थस्थल जम्मू काश्मीर राज्य के श्रीनगर शहर के उत्तर-पूर्व में 135 किलोमीटर दूर और समुद्रतल से 13,600 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। इस गुफा की लंबाई (भीतर की ओर गहराई) 19 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर है। जबकि गुफा 11 मीटर ऊंची है। अमरनाथ गुफा भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। अमरनाथ को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है क्योंकि मान्यता के अनुसार यहीं पर भगवान शिव ने मां पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था।
इस बार 56 दिवसीय इस तीर्थयात्रा में तीर्थ यात्री बालटाल मार्ग से होकर अमरनाथ गुफा तक जाएंगे और बाबा बर्फानी के दर्शन करेंगे। यह गुफा मंदिर 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यात्रा 28 जून से शुरू होकर 22 अगस्त तक चलेगी। वहीं यात्रा के दौरान सभी कोविड-19 प्रोटोकॉल लागू रहेंगे और इस दौरान सरकार की ओर से जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन किया जाएगा।
भक्तों को बनवाना होगा ये सर्टीफिकेट
अमरनाथ यात्रा में हेल्थ संबधी धोखाधड़ी को रोकने के लिए यात्रा पर जाने के इच्छुक भक्तों को राज्य सरकार और केंद्र शासित पदेश से मान्यता प्राप्त चिकित्सों और मेडिकल संस्थानों की ओर से जारी किए गए सर्टिफिकेट ही बैंकों में स्वीकार किए जाएंगे। अधिकारियों ने यात्रा के लिए कोविड -19 के मद्देनजर भारत सरकार द्वारा जारी किए गए सभी मानक प्रोटोकॉल लागू किए हैं।
इस दिन के बाद जारी किए गए प्रमाण पत्र ही लिए जाएंगे
जानकारी के अनुसार अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण करवाने के लिए पूरी प्रक्रिया, आवेदन पत्र और पूर्ण पते वाले बैंक खातों की राज्यवार सूची का विवरण बोर्ड की वेबसाइट www.shriamarnathjishrine.com पर अपलोड हो गया है। भक्तों को डॉक्टरों / चिकित्सा संस्थानों ( जो राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों के संबंधित प्रशासनों द्वारा अधिकृत हों ) द्वारा जारी किए गए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी लाने हैं। यात्रा -2021 के लिए, केवल वही स्वास्थ्य प्रमाणपत्र जो 15 मार्च 2021 के बाद जारी किए गए हैं, वो ही मान्य होंगे। ये केवल पंजीकृत बैंक शाखाओं में स्वीकार किए जाएंगे।
बताया गया है कि रजिस्ट्रेशन करने के लिए जिन कदमों का पालन करना होगा, उनके बारे में सभी जानकारी बोर्ड की वेबसाइट पर डाल दी गई है। इसमें शिविरों तक पहुंचने की जानकारी, पंजीकरण के लिए शुल्क, टट्टू, पालकी और पोर्टर्स के लिए शुल्क भी शामिल हैं।
इनका नहीं किया जाएगा पंजीयन…
यात्रा के लिए कोविड-19 मानदंडों के अनुसार अमरनाथ यात्रा के लिए 13 साल से कम उम्र और 75 साल से अधिक उम्र के यात्रियों का पंजीयन नहीं किया जाएगा। इसी प्रकार 6 सप्ताह की गर्भवती महिला का भी पंजीयन नहीं किया जाएगा।
इन्हें पूर्व पंजीकरण की आवश्यकता नहीं…
यह भी बताया गया है कि जिनके पास एक परमिट है जो एक दी गई तारीख और मार्ग के लिए मान्य है, प्रवेश द्वार पार करने के लिए उन्हें आधार शिविरों से आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सुरक्षा प्रोटोकॉल भक्तों द्वारा पालन किया जाता है।
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नीतीश्वर कुमार ने कहा कि जो लोग हेलीकॉप्टर से यात्रा करना चाहते हैं उन्हें किसी पूर्व पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है क्योंकि उनका टिकट ही काफी होगा। अमरनाथ तीर्थ यात्रा पर जाने से पहले उन्हें निर्धारित फारमेट में अधिकृत चिकित्सक द्वारा जारी किए गए अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाण पत्र का भी उपयोग करना चाहिए।