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नवरस में किया बदलाव, रसरंगम के नाम से होगा फेस्टिवल

जेकेके ने नेशनल लेवल पर पहचान बना चुके फेस्टिवल का बदला अंदाज, पांच से 13 मार्च तक होंगी विभिन्न प्रस्तुतियां

Mar 03, 2022 / 08:28 pm

Anurag Trivedi

नवरस में किया बदलाव, रसरंगम के नाम से होगा फेस्टिवल

अनुराग त्रिवेदी
जयपुर. जवाहर कला केन्द्र में एक बार फिर से म्यूजिक, डांस, थिएटर और विजुअल आर्ट की रौनक बिखरने वाली है, लेकिन नए नाम से। जेकेके का परफॉर्मिंग आर्ट फेस्टिवल नवरस अब रसरंगम के नाम से होगा। जेकेके प्रशासन ने नेशनल लेवल पर अपनी पहचान बना चुके फेस्टिवल का नाम बदलकर कार्यक्रमों की प्लानिंग में बदलाव किए हैं। जानकारी के मुताबिक जेकेके के पास अभी विशेषज्ञों की कमी है, ऐसे में प्रशासनिक स्तर पर ही इन कार्यक्रमों को तय किया जा रहा है। यह फेस्टिवल पांच से 13 मार्च तक होगा और इसमें शास्त्रीय गायन, वादन, शास्त्रीय नृत्य एवं रंगमंच की प्रस्तुतियों के साथ ही हास्य कवि सम्मेलन और पेंटर्स आर्टिस्ट कैम्प के आयोजन होंगे। उद्घाटन मंत्री बीडी कल्ला करेंगे।
सात्विक स्वर संवाद से होगा आयोजन

फेस्टिवल की शुरुआत सात्विक वीणा वादक सलिल भट्ट के सात्विक स्वर संवाद कार्यक्रम से होगी। इसके बाद अगले दिन मोहम्मद अमान का शास्त्रीय गायन एवं डॉ. विकास गुप्ता का सितार वादन मॉर्निंग रागाज, शाम को मोहित टाकलकर के निर्देशित हुंकारो नाटक की प्रस्तुति के साथ जोधपुर के लोक कलाकारों की ओर से राजस्थानी सूफी नाइट में रेतीला बैंड परफॉर्म करेगा। सात मार्च को मनोज नायर भोपाल के निर्देशन में नेपथ्य में शकुंतला नाटक, मोहित गंगानी के निर्देशन में प्रोजेक्ट त्रिवेणी कथक, भरतनाट्य की फ्यूजन की प्रस्तुति होगी।
वीमंस डे भी किया जाएगा सेलिब्रेट

फेस्टिवल में वीमंस डे को सेलिब्रेट करते हुए आठ मार्च को पूर्वा नरेश, नादिरा जहीर बब्बर, इप्शिता चक्रवर्ती सिंह एवं रुचि भार्गव रोल ऑफ वीमन इन थिएटर विषय पर कला परिचर्चा करेंग। शाम को सुनीता तिवारी नागपाल के निर्देशन में हत्या एक आकार की नाट्य प्रस्तुति, प्रो. सुमन यादव का शास्त्रीय गायन एवं डॉ. रेखा ठाकर के निर्देशन में शक्ति शास्त्रीय नृत्य कथक पर आधारित प्रस्तुति होगी। नौ मार्च को को अभिषेक मुद्गल के निर्देशन में रश्मि रथी नाटक, अजितेश गुप्ता एवं मोहित अग्रवाल के निर्देशन में जो डूबा सो पार नाट्य प्रस्तुति एवं 10 मार्च को रुचि भार्गव के निर्देशन में धूप का एक टुकडा’ एवं शाम को गुलजार हुसैन के निर्देशन में वाधवृंद-वायलिन, सितार, क्लारनेट, दिलरुबा एवं तबला की जुगलबंदी, देवेन्द्र मंगलामुखी की ओर से राग-ए-दरबार मुगलिया कथक, मनीषा गुलियानी की कथक की प्रस्तुति होगी।
बसंत होरी के संग होली के रंग
11 मार्च को चेतना पाठक द्वारा शास्त्रीय गायन एवं डॉ. रिमा गोयल द्वारा बसंत होरी की प्रस्तुति होगी। 12 मार्च को सुरेश प्रसाद रंगा के निर्देशन में द कम्पलीट वीमन नाटक, पीयूष चैहान एवं प्रीति शर्मा के निर्देशन में स्वरा-कन्टेम्परेरी डांस-कथक इग्नाइट की प्रस्तुति होगी। 13 मार्च को अंकित भट्ट का सितार वादन एवं अमित गोस्वामी बीकानेर का सरोद वादन, गोपाल आचार्य (भीलवाडा) के निर्देशन में भोपा भैंरुनाथ नाट्य प्रस्तुति और फाग रंग-कवि सम्मेलन का कार्यक्रम होगा।

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