वीडियो की कहानी
वीडियो में, जुकरबर्ग अपनी बेटी के नाखूनों पर रंग और डिजाइन बना रहे हैं। उनकी बेटी की खुशी और उनकी सजीवता इस पल को और भी खास बना देती है। जुकरबर्ग ने नाखूनों पर रंग भरते समय मजेदार बातें कीं और अपनी बेटी के साथ हंसते हुए समय बिताया। यह दृश्य न केवल उनके पिता के रूप को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि वे अपने बच्चों के साथ समय बिताने को कितनी प्राथमिकता देते हैं।फादरहुड का नया रूप
मार्क जुकरबर्ग का यह वीडियो हमें यह बताता है कि पिता का रोल केवल घर के बाहर ही नहीं, बल्कि घर के अंदर भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। कई बार हम सोचते हैं कि पिता सिर्फ कमाने वाले होते हैं, लेकिन जुकरबर्ग जैसे उदाहरण हमें यह बताते हैं कि पिता का प्यार और समर्थन भी उतना ही जरूरी है। वे अपने बच्चों के साथ खेलना, सीखना और उनका ख्याल रखना चाहते हैं। इसे भी पढ़ें- Baby Care Tips: रणबीर कपूर ऐसे करते हैं बेटी राहा का ख्याल, पहली बार पिता बनने वालें जानें रणबीर के टिप्स
समाज में पिता की भूमिका
आजकल की दुनिया में, पिता की भूमिका तेजी से बदल रही है। पहले जहां पिता को सिर्फ कमाने वाले के रूप में देखा जाता है , वहीं आज वे बच्चों के जीवन के हर पहलू में शामिल हो रहे हैं। जुकरबर्ग का यह वीडियो हमें यह सिखाता है कि किसी भी पिता के लिए अपने बच्चों के साथ बिताया गया समय अनमोल होता है।पिता बनने की चुनौती है
फादरहुड का सफर आसान नहीं होता। कई बार माता-पिता को अपने करियर और परिवार के बीच संतुलन बनाना पड़ता है। जुकरबर्ग के लिए भी यह चुनौतीपूर्ण रहा होगा, लेकिन उन्होंने अपने परिवार को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। यह न केवल उनकी व्यक्तिगत प्राथमिकता है, बल्कि यह उनके बच्चों के लिए एक प्रेरणा भी है।पेरेंट्स और बच्चों के बीच की बांडिंग स्ट्रांग होती हैं
बच्चे सीखते हैं कि उनके माता-पिता हमेशा उनके साथ हैं, जिससे उन्हें सुरक्षा और आत्मविश्वास मिलता है। माता-पिता के व्यवहार से बच्चे दूसरों की भावनाओं को समझना और सहानुभूति रखना सीखते हैं। पेरेंटिंग से बच्चे खुलकर अपने पेरेंट्स से बातें कर पाते हैं, दोनों के बीच कम्युनिकेशन अच्छी रहती हैं। बच्चों को काफी कुछ सिखने को भी मिलता है क्योंकि माता-पिता को देखकर ही अच्छी-बुरी आदतें सीखते हैं।
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