भागे हुए बाघ की हो गई पहचान पन्ना नेशनल पार्क से भागे बाघ की पहचान पी 234 (31) के रूप में की है। जो 22 माह का है। इसकी टेरिटरी अकोला बफर क्षेत्र में थी। जहां उसे हीरा नाम से जाना जाता था।
हीरा और पन्ना की जोड़ी टूटी अकोला बफर क्षेत्र में सक्रिय हीरा और पन्ना की जोड़ी टूट गई है। यहां दोनों बाघिन पी 234 की संतान है। फील्ड डायरेक्टर शर्मा के अनुसार बाघ हीरा और पन्ना अब 22 माह के हो चुके हैं, वे व्यस्क होने के बाद भी 7 से 8 माह तक साथ रहे। जबकि अव्यस्क बाघों के मामले में ऐसा नहीं देखा जाता है। इन दोनों बाघों के कारण ही अकोला बफर में पर्यटकों की बढ़ोतरी हुई थी।
ड्रोन से रखेंगे वन्य प्राणियों पर नजर पन्ना टाइगर रिजर्व में वन्य प्राणियों की सुरक्षा और अवांक्षित गतिविधियों पर ड्रोन दस्ता निगरानी रखेगा। बाघ पी 234 (31) सेटेलाइट रेडियो कॉलर्ड बाघ है। उसकी हर गतिविधि की जानकारी हमें मिल रही है। उसकी सतत मॉनिटरिंग की जा रही है। अभी बाघ सीमा क्षेत्र में हैं। वह जहां भी जाएगा। संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों को सूचित किया जाएगा।
उत्तम कुमार शर्मा, फील्ड डायरेक्टर, पन्ना टाइगर रिजर्व