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4 साल की उम्र में पेश की देश सेवा की मिसाल
महज चार साल की उम्र जिसमें अकसर बच्चों को अपनी मनपसंद चॉकलेट खाने और खिलौने खरीदने का शोख होता है। कुछ यही शोख पन्ना में रहने वाले मोहम्मद अल्फेज कबीर को भी है। इसी लिए वो अपने परिवार से मिलने वाली रोजाना की पॉकेट मनी को अपनी गुल्लक में डाल देते हैं। आप उस बच्चे की उम्र का अंदाजा सिर्फ इस बात से ही लगा सकते हैं, कि वो अपनी गुल्लक को ही गुडलक बोलता है। अल्फेज के मुताबिक, जब उसे उसके मम्मी-पापा इतने दिनों से कहीं घुमाने नहीं ले गए, तो उसने अपने माता-पिता से बाहर घूमने की जिद की, तब उसके पिता ने उसे बताया कि, बाहर एक कोरोना नाम का राक्षस घूम रहा है। जो सबको पकड़कर बीमार कर देता है। घर से बाहर निकलने पर वो आपको और आपके मम्मी-पापा को भी बीमार कर देगा।
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‘पीएम और सीएम कोरोना से लड़ रहे हैं, मैं भी उनके साथ हूं’
अल्फेज ने बताया कि उसके पापा कहते हैं कि, हमारे देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री घर के बाहर उससे लड़ रहे हैं, तभी हम आम लोगों को अपने अपने घरों में रहने की सलाह दी गई है। हां उन्होंने हमसे अपील की है कि, जो लोग हमें किसी तरह की सहायता देना चाहें, वो दे सकते हैं, ताकि हम और ताकत से कोरोना राक्षस का मुकाबला कर सकें। मिडिल क्लास फैमली के अल्फेज ने बताया कि, अब मेरे पापा तो काम पर जा नहीं रहे, इसलिए उनके पास इतने पैसे नहीं कि, वो मदद कर सकें। पर मेरे पास एक गुडलक है, जिसमें खूब सारे पैसे हैं। उस गुडलक मेने जो पैसे जोड़े हैं उससे में खूब सारे खिलौने और चॉकलेट खरीदने वाला था। लेकिन इस समय मेरे खिलौनों और चॉकलेट से ज्यादा जरूरी कोरोना राक्षस को भगाना है। इसलिए मैं अपनी गुडलक के पूरे रुपये पीएम और सीएम कोरोना राहत कोष में देना चाहता हूं।
ताकि, गरीब और जरूरतमंदों की हो सके मदद
मासूम बच्चे की इस अपील के बाद पन्ना तहसीलदार दीपा चतुर्वेदी लॉकडाउन की वजह से खुद अल्फेज के घर पहुंची और उनके द्वारा किये गए योगदान और देशप्रेम की सराहना करते हुए उसे राहत कोष में जमा करने के लिए लिया। साथ ही, उन्होंने मानव सेवा और देश प्रेम का संस्कार देने वाले बच्चों के माता पिता की भी सराहना की। कबीर की गुल्लक फोड़ने पर उसमें से 4344 रूपए निकले, जिसे कोरोना रिलीफ फंड में जमा किया गया है। फिलहाल, नर्सरी में पढ़ने वाले इस बच्चे की देश सेवा के प्रति योगदान की सोशल मीडिया समेत प्रदेशभर में तारीफ की जा रही है।