माचिस जलाते ही लगती है आग
जिले गुनौर नगरपरिषद से लगे झुमटा गांव के लोग एक अलग तरह की मुसीबत में फंस गए हैं। उनके बोर से ज्वलनशील गैस के निकलने से दहशत में हैं। आलम यह है कि बोर के मुहाने में माचिस मारते ही लपट निकलने लगती है। जिसपर बर्तन रखकर लोग चाय पका रहे हैं।
बोरिंग मशीन जलकर खाक
दरअसल, झुमटा गांव में इसकी शुरूआत माध्यमिक विद्यालय में बोरिंग के दौरान हुई थी। जब बोरवेल से आग की कई फीट ऊंची लपटें निकलने लगी थीं और उसके चपेट में आने से बोरिंग मशीन जलकर नष्ट हो गई थी। इससे गांव के लोग दहशत में आ गए। तमाम जतन किए जाने के बाद भी मिडिल स्कूल के दो बोर से गंध वाली गैस के रिसाव और आग की लपटें बंद नहीं होने से स्कूल ही बंद कर बच्चों को तीन किलोमीटर दूर दूसरे स्कूल शिफ्ट कर दिया गया। दीपावली के बाद जब लोगों ने उत्सुकता में अपने-अपने बोरवेल के मुहाने खोलकर देखे तो गैस का रिसाव होते पाया। शनिवार की शाम तक यहां एक दर्जन से भी अधिक बोरवेल से दुर्गंधयुक्त गैस का रिसाव होना पाया गया। एक युवक द्वारा बोरिंग में चूल्हा रखकर पानी गरम करने का वीडियो सोशल मीडिया में वारयल करने के बाद प्रशासन में खलबली मच गई। आनन-फानन में कलेक्टर सहित पुलिस और प्रशासन का भारी अमला गांव में पहुंच गया। लोगों से भयभीत नहीं होने, अफवाहों पर ध्यान नहीं देने और बोरवेल में खुद आग नहीं लगाने की समझाइश दी गई।
झुमटा स्कूल के नए बोर में एक पखवाड़े से भी अधिक समय से आग लगी हुई है। यहां ऊंची लपटें दिन और रात में निकलती रहती हैं। एहतियात के तौर पर पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया है। प्रशासन की सूचना पर ओएनजीसी का दल झुमटा पहुंचा था, जिसने जांच कर पानी और गैस का सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेजा है। जिसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है। जिससे यह साफ नहीं हो पाया है कि कौन सी गैस बोर से निकल रही है। इस बीच गांव के अन्य बोरवेल से गैस के रिसाव की सूचना ने प्रशासन को हलाकान कर दिया है।
एक निजी बोरवेल से निकल रही आग की लपटों के बीच एक युवक ने ने चूल्हा रख दिया और उससे पानी गरम करने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। कुछ लोग आग तापने के लिए भी बोरवेल की आग का उपयोग करने लगे थे। आनन-फानन में पुलिस और प्रशासन का अमला मौके पर पहुने लगा और बोरवेल के मुहानों को बंद कराया।
प्रशासन का दावा है कि जिन बोरवेल से गैस निकलने की जानकारी मिली थी उनके पानी की जांच कराई गई है। कोई भी प्रदूषित नहीं मिला है। कोई हानिकारक तत्व भी नहीं मिले हैं। प्रशासन की ओर से कहा गया है कि लोग अफवाह में नहीं आएं। पेयजल की आपूर्ति टैंकरों के माध्यम से भी कराया जा सकता है। वहीं, कुछ लोगों द्वारा सेहत खराब होने की शिकायत की थी। उनकी जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची थी। जांच दल का नेतृत्व कर रहे डॉ. आशीष तिवारी ने बताया कि ग्रामीणों में अभी तक इसका किसी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है।
प्रदेश के उमरिया, कटनी, शहडोल, दमोह जिलों में इस तरह की घटनाए पूर्व में हो चुकी हैं। वहां के प्रशासन के संपर्क में लगातार हैं। ओएनजीसी के वरिष्ठ प्रबंधन को भी पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए ओएनजीसी द्वारा सीनियर मैनेजर के नेतृत्व में एक बड़ा जांच दल सोमवार को झुमटा भेजा जा रहा है।
-संजय मिश्रा, कलेक्टर