कटाई के कारण बारिश में कमी और नदियों, जलस्रोतों के सूख जाने के चलते बुंदेलखंड सूखा और कई समस्याओं से घिरा है। जहां एक ओर पेयजल का संकट व्याप्त है वहीं दूसरी और जंगली जानवर भी प्यास से बेमौत मर रहे हैं। सूखा के कारण कृषि कार्यों में भी भारी व्यवधान हो रहा है। इससे हजारों लोगों के पास आजीविका का संकट पैदा हो गया है। यही कारण है कि यहां के लोग मजबूरी में रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे हैं।
पौधों की सुरक्षा की ली जिम्मेदारी उन्होंने बताया गांव के पर्यावरण को बेहतर बनाने, गांव में शैक्षणिक जागरूकता के अनुकूल माहौल तैयार करने, बच्चों एवं युवाओं का सर्वांगीण विकास करने के लिए सघन रूप से कार्य किया जा रहा है। गांव को हरा भरा बनाने के साथ प्रकृति के संरक्षण को लेकर बच्चों, युवाओं व महिलाओं एवं समुदाय के साथ बैठकें आयोजित की गईं। बिगड़ते पर्यावरण एवं बिगड़ते प्राकृतिक संतुलन के चलते हो रहे नुकसान के प्रति ग्रामीणों को आगाह किया गया ।
दस्तक समूह के युवा और बाल समूह द्वारा अपने गांव में रैलियां निकली गईं और पौधों का रोपण किया गया। साथ ही सीड बाल के माध्यम से भी बीज बालों को बनाया गया। पौधों की सुरक्षा और उसमें पानी डालने की जिम्मेदारी युवाओं एवं बच्चों द्वारा ली गई है। इस पहल में 10 गांवों में 108 बच्चों ने भाग लिया जिसमें 65 बालक और 43 बालकों ने भाग लिया ।
जागरूकता रैलियां कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों और युवाओं ने रैली निकली। समुदाय के लोगों द्वारा पर्यावरण को बचाने के लिए पॉलीथिन के उपयोग को छोडऩे और आसपास के वातावरण को साफ स्वच्छ बनाने के लिए संकल्प लिया गया। कार्यक्रम का अयोजन विकास संवाद भोपाल के सहयोग से किया गया।
सकारात्मक विचार करते हैं प्रकृति की रक्षा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विवि के स्थानीय आश्रम में पर्यावरण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सीता बहन ने कहा, मनुष्यता भोग-वृत्ति से ग्रसित होकर पर्यावरण का निर्वाद रूप से दोहन कर रही है। इसके कारण पृथ्वी की आयु घटती जा रही है। पर्यावरण प्रदूषण के कारण मानव जीवन संपूर्ण रूप से असुरक्षित हो गया है।