कोविड स्वास्थ्य सहायक भर्ती के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, विधवा, दिव्यांग आदि को दस्तावेजों की जांच के लिए बुलाया गया था। दस्तावेज लेकर सुबह ही सीएमएचओ कार्यालय के बाहर अभ्यर्थियों की कतार लग गई। जोधपुर मार्ग के दोनों तरफ लम्बी लाइन में अभ्यर्थी परिजनों के साथ खड़े रहे। दस्जावेजों की जांच सुबह दस बजे जीएनएम प्रिंसिपल केसी सैनी, डिप्टी सीएमएचओ विकास मारवाल, ज्वालाप्रकाश उदावत, चाल्र्स जेकब, रताराम चौहान आदि के निर्देशन में 20 दलों ने शुरू की। जो शाम को करीब साढ़े छह बजे तक चली। इस दौरान 500 अभ्यर्थियों के दस्तावेज ही जांचे जा सके। जबकि जांच कराने के लिए 800 से अधिक अभ्यर्थी पहुंचे थे। इस पर दस्जावेज जांच का एक दिन बढ़ाते हुए 300 अभ्यर्थियों को रविवार को बुलाया गया।
पानी तक की व्यवस्था नहीं
अभ्यर्थियों को सीएमएचओ कार्यालय के बाहर ही रोका गया। भवन के भीतर पांच से दस जनों को प्रवेश दिया गया। ऐसे में अभ्यर्थी अपनी बारी के इंतजार में धूप में ही खड़े रहे। वहां उनके लिए पानी तक की व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में अभ्यर्थी व उनके परिजन प्यास व गर्मी से बेहाल हो गए।
अभ्यर्थियों को सीएमएचओ कार्यालय के बाहर ही रोका गया। भवन के भीतर पांच से दस जनों को प्रवेश दिया गया। ऐसे में अभ्यर्थी अपनी बारी के इंतजार में धूप में ही खड़े रहे। वहां उनके लिए पानी तक की व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में अभ्यर्थी व उनके परिजन प्यास व गर्मी से बेहाल हो गए।
नहीं रखी गई सोशल डिस्टेंसिंग
कोविड को सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क लगाकर ही रोका जा सकता है। इसका प्रचार चिकित्सा विभाग कर रहा है, लेकिन दस्तावेज जांच कराने के लिए लगी कतार और सीएमएचओ कार्यालय में इस बात का ख्याल नहीं रखा गया। कार्यालय के मुख्य गेट पर खड़े पुलिसकर्मियों ने भी लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग रखने या मास्क लगाने को नहीं कहा।
कोविड को सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क लगाकर ही रोका जा सकता है। इसका प्रचार चिकित्सा विभाग कर रहा है, लेकिन दस्तावेज जांच कराने के लिए लगी कतार और सीएमएचओ कार्यालय में इस बात का ख्याल नहीं रखा गया। कार्यालय के मुख्य गेट पर खड़े पुलिसकर्मियों ने भी लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग रखने या मास्क लगाने को नहीं कहा।