पाली. केन्द्र के स्मार्ट सिटी मिशन की तर्ज पर राज्य सरकार ने भी 6 शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए योजना तैयार की है। वहीं जून 2015 में शुरू की गई केंद्र के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत राजस्थान के कोटा, उदयपुर, अजमेर व जयपुर चार शहरों को ही जोड़ा गया है। इन शहरों में काम भी चल रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पिछले बजट में राजस्थान के छह शहरों को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित करने की घोषणा की थी। इनमें जोधपुर, बीकानेर, भरतपुर, अलवर, भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ को शामिल किया गया है। पाली शहर को किसी योजना में शामिल नहीं किया है। ऐसे में पाली को अपने दम पर ही स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकास की पहल शुरू करनी होगी। यहां की नगर परिषद, नगर सुधार न्यास और अन्य विकास से जुड़े विभाग मिलकर कार्य योजना पर कार्य करें तो आने वाले समय में पाली सिटी का स्वरूप भी बदल सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार स्मार्ट सिटी मिशन स्थानीय विकास को सक्षम करने और प्रौद्योगिकी की मदद से नागरिकों के लिए बेहतर परिणामों के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने की पहल है। पाली शहर को स्मार्ट बनाने के लिए यहां की प्रमुख समस्याओं को चिह्नित करके उनके समाधान की योजना बनाने की जरूरत है।
पाली शहर की प्रमुख समस्याएं
प्रदूषण : पाली शहर की बड़ी समस्याओं में वायु और जल प्रदूषण शामिल है। आबादी क्षेत्र में चल रहे कारखानों से दोनों तरह का प्रदूषण होता है। प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए आधुनिक तकनीक की मशीनों और जल उपचार प्रक्रिया को कड़ाई से लागू करना होगा। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में वायु प्रदूषण ज्यादा है। चिमनी की राख और धूल कण ज्यादा हैं, वहां श्वास लेने में तकलीफ होती है। ऐसे क्षेत्रों में स्मोक गन का संचालन करना चाहिए। दिल्ली, जयपुर, कोटा सहित कई शहरों में इनका उपयोग किया जा रहा है।
प्रदूषण : पाली शहर की बड़ी समस्याओं में वायु और जल प्रदूषण शामिल है। आबादी क्षेत्र में चल रहे कारखानों से दोनों तरह का प्रदूषण होता है। प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए आधुनिक तकनीक की मशीनों और जल उपचार प्रक्रिया को कड़ाई से लागू करना होगा। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में वायु प्रदूषण ज्यादा है। चिमनी की राख और धूल कण ज्यादा हैं, वहां श्वास लेने में तकलीफ होती है। ऐसे क्षेत्रों में स्मोक गन का संचालन करना चाहिए। दिल्ली, जयपुर, कोटा सहित कई शहरों में इनका उपयोग किया जा रहा है।
पेयजल : पाली शहर में पेयजल आपूर्ति का तंत्र मजबूत करने की जरूरत है। इसलिए केन्द्र और राज्य सरकार से मिलने वाली वित्तीय मदद से सुधार करने की जरूरत है। यदि अतिरिक्त फंड की आवश्यकता है तो जनप्रतिनिधियों को सरकार से मांग करनी चाहिए।
सफाई : सफाई की व्यवस्था की प्रभावी निगरानी की जाए। नागरिकों को भी सहयोग के लिए जागरूक किया जाए। कचरे का निस्तारण सही जगह पर सही प्रक्रिया से किया जाए। इसके लिए शहर में कचरा ट्रांसफर स्टेशन और कचरा प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की जरूरत है। वहीं खेतावास के समीप ठोस कचरा प्रसंस्करण संयंत्र को भी प्रभावी रूप से लागू करने की आवश्यकता है।
सेहत : पाली शहर में सुबह भ्रमण करने के लिए पार्क जैसी जगहों का अभाव है। इसलिए ऑक्सीजोन सिटी पार्क विकसित किया जा सकता है। बांड़ी नदी के किनारे को भी रिवरफ्रंट के रूप में विकसित किया जा सकता है। कोटा में नगर निगम और नगर विकास न्यास से कई नवाचार किए हैं। वहां रिवरफ्रंट और ऑक्सीजोन भी विकसित हो रहा है। इस तरह की पहल पाली में भी की जा सकती है।
रोशनी : शहर के जिन इलाकों में पर्याप्त रोशनी नहीं रहती है, वहां नगर परिषद विद्युत व्यवस्था कर सकती है। क्योंकि स्ट्रीट लाइटों के बिल के लिए सेस के रूप में नागरिकों से ही वसूली होती है। इसलिए नगर परिषद पर इसका कोई आर्थिक भार नहीं पड़ता है। जहां अंधेरा रहता है वहां के लोगों से भी सेस की वसूली होती है।
सड़क और यातायात : स्मार्ट सिटी बनाने के लिए यहां सड़कों की गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा। हर साल सड़कों की मरम्मत होती है। जिम्मेदार विभाग गुणवत्ता पर ध्यान दें तो सड़कों की सेहत सालभर अच्छी रह सकती है। इसके साथ ही शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए भी प्लान बनाने की जरूरत है। इसमें पार्किंग स्थल, चौराहों से अतिक्रमण हटाना, सड़कों की तकनीकी खामियों को दुरुस्त कराने जैसे कार्य कराने होंगे।
नए अस्पताल में मिले सुपर स्पेशलिटी सुविधाएं शहर में नया अस्पताल बनने का रास्ता साफ हो गया है। करीब 190 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले नए अस्पताल के निर्माण का कार्य आरएसआरडीसी को सौंपा गया है। उसे अस्पताल भवन के निर्माण का कार्य दिसम्बर 2023 से पूरा करना है। इसके निर्माण के दौरान इस तरह के प्रयास किए जाने चाहिए जिससे सभी तरह सुपर स्पेशलिटी सुविधाएं यहां मिल सकें। पाली के लोगों को उपचार के लिए जाेधपुर, जयपुर और अहमदाबाद जाना नहीं पड़े।
सभी विभाग मिलकर कार्य करेंगे
पाली शहर के कायाकल्प की योजना पर सभी विभाग मिलकर कार्य करेंगे। जिला स्तरीय सिटी डेवलपमेंट काउंसिल की बैठक में इस बारे में चर्चा हुई है। नगरीय निकाय के अधिकारियों को कहा है कि शहर के मुख्य चौराहों, मुख्य मार्गों व प्रमुख स्थलों को चिन्हित कर विभिन्न विकास कार्यों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। शहर के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
-नमित मेहता, जिला कलक्टर, पाली
पाली शहर के कायाकल्प की योजना पर सभी विभाग मिलकर कार्य करेंगे। जिला स्तरीय सिटी डेवलपमेंट काउंसिल की बैठक में इस बारे में चर्चा हुई है। नगरीय निकाय के अधिकारियों को कहा है कि शहर के मुख्य चौराहों, मुख्य मार्गों व प्रमुख स्थलों को चिन्हित कर विभिन्न विकास कार्यों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। शहर के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
-नमित मेहता, जिला कलक्टर, पाली