डिजिटल हुए निमंत्रण
शादी में भेजे जाने वाले प्रिंट कार्ड का चलन अब कम होने लगा है। पहले रिश्तेदारों के यहां पहुंचकर कार्ड देना होता था या पोस्ट ऑफिस से रिश्तेदारों के यहां कार्ड पहुंचाना जरूरी होता था। वर्तमान में प्रिंट कार्ड की जगह डिजिटल और वीडियो कार्ड ने ले ली है। पहले जहां सामान्य परिवार की शादी में 300 से 400 कार्ड छपते थे। अब लोग वीडियो और डिजिटल कार्ड के साथ 50 से 100 प्रिंटेड कार्ड ही छपवा रहे हैं। इसकी वजह सोशल मीडिया व नेटवर्किंग साइट पर डिजिटल कार्ड भेजा जाना और रिश्तेदार व परिचितों की ओर से इसे स्वीकार किया जाना है।
फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी में भी बदलाव
फोटोग्राफर निलेश राजपुरोहित व अमित त्रिवेदी ने बताया कि फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी में पहले 2000 वॉट की हैलोजन लाइटों का इस्तेमाल होता था। हैलोजन लाइटों की जगह एलइडी लाइटों ने ले ली है। टेक्नोलॉजी की बदौलत ट्राइपोर्ट से ही तस्वीरें खींच जाती हैं और वीडियो बन जाते हैं। इसमें लाइट का उपयोग पहले की अपेक्षा काफी कम होता
रिश्तेदारों को लाइव शादी दिखा रहे शादी समारोह
शादी समारोंह में नही पहुंच पाने वाले रिश्तेदारों को शोशल मिडिया प्लेटफोर्म से परिजन रिश्तेदारों को लाइव शादी दिखा रहे है। ताकि शादी समारोंह में उनकी कमी महसुस नही हो।
कार्यक्रम से पहले ही डिजिटल सूचना
शादी समारोह में रीति-रिवाजों व परंपराओं का विशेष महत्व है। शादी में होने वाले कार्यक्रम पाठ, विनायक, मेहन्दी, हल्दी, बंदौली, बारात, फेरे, रिशेप्सन आदि का डिजिटल कार्ड भेज रहे है। कार्ड पर कार्यक्रम अनुसार समय व तारीख अंकित होती है।