राजस्थान में स्कूल दूर होने की वजह से ग्रामीण बच्चे पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं। बच्चों की इस समस्या को देखते हुए पाली के रोहट के धरमधारी गांववासियों ने एक अनूठी मिसाल पेश की। गांव से सरकारी स्कूल करीब 2 किलोमीटर दूर है। इस कारण कई बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया। कुछ अभिभावकों ने यह सोचकर उनकी पढ़ाई छुड़वा दी कि रोज-रोज कौन बच्चों को स्कूल छोड़ने जाएगा। धरमधारी गांव के ग्रामीणों ने शिक्षा को धर्म मानते हुए जब यह सब होता देखा तो उन्होंने जनसहयोग से 25 लाख रुपए की राशि एकत्र की और नई बस खरीद कर सरकारी विद्यालय को सुपुर्द कर दी। खास बात यह कि बस के चालक-परिचालक के साथ डीजल का खर्च भी ग्रामीण ही वहन करेंगे। मंगलवार को बस की चाबी स्कूल को सौंपी गई। अब बच्चे बस से स्कूल आ-जा सकेंगे।
बच्चे स्कूल छोड़ने के लिए मजबूरदरअसल, धरमधारी गांव का राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पहले गांव में स्थित था, लेकिन कुछ समय पहले नया भवन तैयार हुआ तो विद्यालय वहां पर संचालित होने लगा, जो कि गांव से करीब दो किलोमीटर दूरी पर स्थित है। विद्यालय दूर होने के कारण नामांकन कम होने लगा और गांव के बच्चे स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर हो गए।
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