आज स्कूल जाने वाले लगभग हर बच्चे लंच में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स खाते है। उनकी जेब या लंच बॉक्स में ऐसी सामग्री माता-पिता की ओर से रखी जाती है। कई बच्चे स्कूल में भी जंक फूड ही ले जाते है। टॉफी व कैंडी तो हर बच्चे के पास मिल जाती है।
चिकित्सकों के अनुसार किसी भी तेल में खाद्य पदार्थ को तीन बार से अधिक नहीं तला जाना चाहिए। इसके बाद तेल का उपयोग करने से ट्रांसफेडी एसिड बनता है। उसमें अच्छा कोलेस्ट्रोल कम हो जाता है और खराब कोलेस्ट्रोल बढ़ जाता है। आलू की चिप्स, बर्गर, पीजा जैसे खाद्य पदार्थों में कैलोरी बहुत ज्यादा होती है।
अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड में नमक व शक्कर की मात्रा अधिक होती है। इनमें फेट भी अधिक होता है। इस तरह के खाने से बीपी व शुगर बढ़ती है। हड्डियां कमजोर होती है। मोटापा बढ़ता है, जो घुटनों में दर्द, मधुमेह, लकवा आदि बीमारियों का कारण भी बन सकता है। इम्यूनिटी कमजोर होती है। यह फूड नहीं मिलने पर खाने वाला चिड़चिड़ा हो जाता है। इसकी जगह पर बादाम, अखरोड, अलसी आदि खाद्य पदार्थों से इम्यूनिटी बढ़ने के साथ कोलेस्ट्रोल भी नियंत्रित रहता है। यह सभी एंटी ऑक्सीडेंट है। –डॉ. एच एम चौधरी, आचार्य, मेडिकल कॉलेज, पाली
-तला हुआ भोजन व खाद्य सामग्री से अवसाद का खतरा बढ़ता है।
-जंक फूड में नमक, वसा, ट्रांस फेट ज्यादा होता है। यह मोटापा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह व हृदय की बीमारियों को बढ़ाता है।