एक्पर्ट का कहना
-सर्दी के कारण रक्त वाहिनियां सिकुड़ जाती हैं। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। इसकी वजह से दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। सर्दी में हृदय स्वस्थ शरीर के तापमान को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त मेहनत करता है। सर्दियों की हवा यानी कोल्ड वेव इस काम को और ज्यादा मुश्किल बना सकती है।
-यदि आपके शरीर का तापमान 95 डिग्री से कम हो जाता है तो हाइपोथर्मिया के कारण हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है।
-कोरोनरी हार्ट डिसीज के कारण एनजाइना या सीने में होने वाला दर्द भी सर्दियों में बढ़ सकता है। खास तौर पर तब जब कोरोनरी आर्टरीज सर्दी में सिकुड़ जाती है। दिल का दौरा आने का खतरा बढ़ जाता है। धड़कन बढ़ने से एट्रियल फाइब्रिलेशन, सुप्रवेंट्रिकुलर टकीकार्डिया आदि बीमारियां होती है।
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दिल का ऐसे रखें ख्याल
-हार्ट हेल्दी डाइट लेनी चाहिए, यानी ज्यादा तेल-मसालों के सेवन से बचें
-नियमित व्यायाम करें
-अपने ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच कराएं
-तनाव को कम करने की कोशिश करें, योग और मेडिटेशन करें
-पूरे शरीर की जांच चेकअप कराते रहें
डॉ. हजारीमल चौधरी, विभागाध्यक्ष, मेडिकल विभाग, मेडिकल कॉलेज पाली
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सीओपीडी व अस्थमा के मरीजों को यह करना चाहिए
मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. केसी अग्रवाल ने बताया कि अस्थमा व सीओपीडी के इस समय 40-50 मरीज रोजाना आते है। इस समय अधिक सर्दी होने के कारण इन मरीजों को गर्म कपड़े पहनने चाहिए। सुबह व शाम को सर्दी में बाहर नहीं निकलना चाहिए। हरी सब्जी व फल का सेवन करना चाहिए। स्मोकिंग नहीं करनी चाहिए। सर्दी में बाहर निकलने पर सिर ढककर रखना चाहिए। श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. लक्ष्मण सोनी ने बताया कि कोहरा होने पर अस्थमा के मरीजों को अधिक तकलीफ होती है।