बुजुर्गों के अनुसार माता के दरबार में पहले प्रजापति और घांची समाज के गेरये सप्तमी पर नृत्य करने आते थे। इसके बाद नगर पालिका व नगर परिषद के मेला आयोजित करने पर यह संख्या पांच से सात तक बढ़ गई। आज तो यहां 50 से भी अधिक गेरे माता के दरबार में नृत्य कर राजस्थानी संस्कृति को साकार करती है।
सोमनाथ मंदिर के पुजारी करते हैं पूजन
सोमनाथ मंदिर के पुजारी करते हैं पूजन
शहर के हृदय स्थल में विराजमान सोमनाथ महादेव का पूजन करने वाले रावल परिवार के सदस्य इस मंदिर में पूजन करते है। वहां एक वर्ष पूजन के बाद यहां पूजन की बारी आती है। इस पर वे माता का पूरे एक वर्ष तक पूजन व आरती करते हैं। इसके बाद बारी उनके परिवार के ही दूसरे सदस्य की रहती है।
छोटे स्तर पर भरता था मेला
छोटे स्तर पर भरता था मेला
आदर्श नगर स्थित शीतला माता के मंदिर में पहले मेला छोटे स्तर पर भरता था। समय के साथ अब मेला बड़ा हो गया है। अब तो यहां पैर रखने की जगह नहीं रहती है।
विजयशंकर नाग, निवासी, आदर्श नगर
विजयशंकर नाग, निवासी, आदर्श नगर
नगर परिषद करती है स्वागत
नगर परिषद की ओर से मेले में आने वाली सभी गेरों का गुड़ की भेली, स्मृति चिन्ह आदि देकर सम्मान किया जाता है। मेला भरने की शुरुआत नगर पालिका के समय से ही चल रही है।
नगर परिषद की ओर से मेले में आने वाली सभी गेरों का गुड़ की भेली, स्मृति चिन्ह आदि देकर सम्मान किया जाता है। मेला भरने की शुरुआत नगर पालिका के समय से ही चल रही है।
रेखा भाटी, नगर परिषद सभापति, पाली