पाली। एक ही भाई था। जिसके साथ खेलकर बड़ी हुई। पिता का साया हटा तो भाई ने बेटियों की तरह दुलारा, लेकिन कोरोना ने ऐसा कहर बरपाया कि वह भी हमें छोड़ गया। हमारा रक्षा सूत्र उसकी तरफ आए ‘काळ’ को नहीं रोक सका। पहले वीरफूली पर और आज राखी पर ऐसा लग रहा है, मानो सब कुछ खो दिया है। यह कहते हुए राजेन्द्र नगर में रहने वाली रेखा व मैना शर्मा की आंखें नम हो गई। उनका दिल भर आया और इससे आगे काफी देर तक वे कुछ नहीं बोल सकी।
हिम्मत नगर में रहने वाले प्रहलाद शर्मा का कोरोना की दूसरी लहर में निधन हो गया था। उनके तीन बहनें रेखा शर्मा, मैना शर्मा व भानू शर्मा है। इस बार वीरफूली का त्योहार तो बहनों के चेहरों पर गम छा गया। अब राखी पर भी भाई की याद में उनकी आंखों से आंसू बह रहे है। उनके दिल में में यह गम है कि अब वे जीवन में कभी अपने भाई की कलाई पर स्नेह का धागा नहीं सजा सकेंगी। भाई की कमी जीवन भर सालती रहेगी।
मां का ख्याल रखने वाला भी कोई नहीं
रुंधे गले से वे बोली पीहर में अब मां है। जो बुजुर्ग है और अकेली रहती है। उसका ख्याल रखने वाला भी कोई नहीं है। हिम्मत नगर में रहने वाली मां संतोष शर्मा केवल विधवा पेंशन से जैसे-तैसे जीवन का गुजारा कर रही है। भाई की कोरोना से मौत के बाद भी मां को कोई सहायता राशि नहीं मिली है।
रुंधे गले से वे बोली पीहर में अब मां है। जो बुजुर्ग है और अकेली रहती है। उसका ख्याल रखने वाला भी कोई नहीं है। हिम्मत नगर में रहने वाली मां संतोष शर्मा केवल विधवा पेंशन से जैसे-तैसे जीवन का गुजारा कर रही है। भाई की कोरोना से मौत के बाद भी मां को कोई सहायता राशि नहीं मिली है।
कोरोना से बचाव जरूरी, नहीं करें लापरवाहीराजेन्द्र नगर में रहने वाली प्रहलाद की बहन रेखा व मैना भाई का फोटो देखते हुए बोली कोरोना के कारण हमने भाई को खोया है। जिसकी कमी जीवन में पूरी नहीं होगी। हमारा एक ही कहना है कोरोना को हल्के में कोई नहीं ले और कोरोना गाइड लाइन का पूरा पालन करें। जिससे ऐसा गम व दर्द किसी और बहन या भाई को नहीं मिले।