सोमवार को गांव के पूर्व जागीरदार के सान्निध्य में लोगों ने समुद्र मंथन पूजने की परंपरा का निर्वहन किया। समुद्र मंथन को लेकर महिलाएं सुबह तालाब किनारे मंगल गीत गाती पहुंची। तालाब पर पंडित द्वारा मंत्रोच्चार के साथ सरोवर की पूजा की। कार्यक्रम की शुरुआत गांव के पूर्व जागीरदार परिवार द्वारा तालाब पूजन के साथ की गई। इसके बाद महिलाओं ने बारी-बारी से तालाब पूजन की प्रक्रिया निभाई।
यूं चला तालाब पूजन
तालाब की परिक्रमा के बाद बहनें कलश सिर पर धारण कर तालाब में उतरीं। जहां भाइयों ने बहनों को समुद्र मंथन करवाया। बहनों को प्रतिकात्मक रूप से तालाब का पानी ग्रहण करवाया। बहन को चुनरी ओढ़ाकर मुंह मीठा करवाया। बहन को हाथ पकड़कर तालाब से बाहर निकालने की परंपरा निभाई। इस प्रकार पालडीजोड़ ग्राम पंचायत के पालडीजोड़, नेहरूनगर व बापूनगर की 21 सौ महिलाओं ने समुन्द्र मंथन की रस्म अदा की।
कार्यक्रम को देखने के लिए कोरटा, सलोदरिया, कानपुरा, पोयणा, चांदाना, सुमेरपुर, शिवगंज समेत आसपास के गांवों से हजारों लोग परिवार के साथ पहुंचे। जिला परिषद सदस्य हरिशंकर मेवाड़ा, सरपंच महेन्द्रसिंह मेवाड़ा के सान्निध्य में आयोजित कार्यक्रम में ग्राम पंचायत की ओर से तालाब में विशेष गोताखोरों की टीम को लगाया गया था। टीम नाव लेकर लगातार तालाब के चक्कर लगाते रहे। सुमेरपुर थानाधिकारी रामेश्वर भाटी सहित पालड़ीजोड़ पुलिस चौकी से जाब्ता तैनात रहा।