नगर परिषद के फ्लेट खरीदने वाले नहीं मिल रहे
कम आय वाले लोगों को आवास उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत नगर परिषद की ओर से घुमटी के निकट बन रहे 1056 फ्लैट बनाने की योजना बनाई गई। कई फ्लेट तैयार कर लिए गए। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के बाद इसे खरीदने वाले नहीं मिल रहे हैं। प्रोपर्टी में बूम नहीं होने व कीमतों में मुनाफा नहीं दिखने के कारण यहां आवेदन करने वाले लोग अब अपने आवेदन वापस ले रहे हैं।
कम आय वाले लोगों को आवास उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत नगर परिषद की ओर से घुमटी के निकट बन रहे 1056 फ्लैट बनाने की योजना बनाई गई। कई फ्लेट तैयार कर लिए गए। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के बाद इसे खरीदने वाले नहीं मिल रहे हैं। प्रोपर्टी में बूम नहीं होने व कीमतों में मुनाफा नहीं दिखने के कारण यहां आवेदन करने वाले लोग अब अपने आवेदन वापस ले रहे हैं।
कई बड़े प्रोजेक्ट को धक्का
पाली में फ्लेट बनाने के कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं, लेकिन खरीदार नहीं होने से उन प्रोजेक्ट को काफी धक्का लगा है। खासकर नया बस स्टैण्ड के आसपास, राजेन्द्र नगर, पणिहारी रोड पर चल रहे फ्लेट बनाने के प्रोजेक्ट मंदी के शिकार है। जिन कारोबारियों ने बस्ती से दूर कॉलोनियां काटी है, वे नहीं बिक रही है। रीसैल के भूखण्ड भी नहीं बिक रहे हैं। कोरोना के चलते जिस प्रोपटी को साल भर पहले खरीदा गया, उनके दाम आज भी वहीं है। ऐसे में ये घाटे का सौदा साबित हो रही है। रियल एस्टेट का काम करने वालों का बुरा हाल है।
पाली में फ्लेट बनाने के कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं, लेकिन खरीदार नहीं होने से उन प्रोजेक्ट को काफी धक्का लगा है। खासकर नया बस स्टैण्ड के आसपास, राजेन्द्र नगर, पणिहारी रोड पर चल रहे फ्लेट बनाने के प्रोजेक्ट मंदी के शिकार है। जिन कारोबारियों ने बस्ती से दूर कॉलोनियां काटी है, वे नहीं बिक रही है। रीसैल के भूखण्ड भी नहीं बिक रहे हैं। कोरोना के चलते जिस प्रोपटी को साल भर पहले खरीदा गया, उनके दाम आज भी वहीं है। ऐसे में ये घाटे का सौदा साबित हो रही है। रियल एस्टेट का काम करने वालों का बुरा हाल है।
छोटे मकान बनाकर बेचने का चलन बढ़ा, अभी मंदी
इन दिनों पाली में छोटी साइज के मकान बनाकर बेचने का चलन बढ़ा है। इसकी लागत भी कम आती है और खरीदार भी मिल जाता है, लेकिन पिछले एक साल में इनमें भी मंदी है।
इन दिनों पाली में छोटी साइज के मकान बनाकर बेचने का चलन बढ़ा है। इसकी लागत भी कम आती है और खरीदार भी मिल जाता है, लेकिन पिछले एक साल में इनमें भी मंदी है।
कस्बों में भी मंदी का असर
पाली जिले के रोहट, जैतारण, सोजत सिटी, सोजत रोड, बगड़ी नगर, रायपुर मारवाड़, खिंवाड़ा, सुमेरपुर, फालना, बाली, रानी, देसूरी, सादड़ी, तखतगढ़ जैसे कस्बों में भी प्रोपटी में मंदी है। कोरोना के हालात सुधरने के बाद भी खास बूम नहीं आया है।
पाली जिले के रोहट, जैतारण, सोजत सिटी, सोजत रोड, बगड़ी नगर, रायपुर मारवाड़, खिंवाड़ा, सुमेरपुर, फालना, बाली, रानी, देसूरी, सादड़ी, तखतगढ़ जैसे कस्बों में भी प्रोपटी में मंदी है। कोरोना के हालात सुधरने के बाद भी खास बूम नहीं आया है।